क्या संसद में विपक्ष का प्रदर्शन लोकतंत्र की आवाज है?

सारांश
Key Takeaways
- संसद में विपक्ष का प्रदर्शन लोकतंत्र की आवाज है।
- विपक्ष ने मतदाता सूची और चुनावी लोकतंत्र पर चर्चा की मांग की।
- राज्यसभा में अनुमति न मिलने पर हंगामा हुआ।
- केंद्रीय मंत्री इंडियन पोर्ट बिल पेश करेंगे।
- हंगामे के बीच कार्यवाही स्थगित की गई।
नई दिल्ली, 18 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। सोमवार को संसद की कार्यवाही प्रारंभ होते ही लोकसभा और राज्यसभा में विपक्षी दलों के सांसदों ने फिर से जोरदार नारेबाजी और हंगामा किया। ये सांसद मतदाता सूची और चुनावी लोकतंत्र से जुड़े मुद्दों समेत कई विषयों पर चर्चा की मांग कर रहे थे। उनका कहना था कि सदन के अन्य सभी विषयों को स्थगित कर सबसे पहले इन मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए।
राज्यसभा के उपसभापति ने पहले से निर्धारित नियमों का उल्लेख करते हुए विपक्ष को अनुमति नहीं दी। अनुमति न मिलने पर सदन में हंगामा हुआ और कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। उपसभापति ने बताया कि उन्हें विभिन्न सांसदों द्वारा नियम 267 के तहत चर्चा के 19 नोटिस प्राप्त हुए हैं। नियम 267 के तहत यह प्रावधान है कि सदन के अन्य सभी कार्यों को स्थगित कर चर्चा कराई जाती है। इस चर्चा के बाद वोटिंग भी हो सकती है।
उपसभापति हरिवंश नारायण ने कहा कि उन्हें 19 नोटिस मिले हैं जिनमें चार विभिन्न विषयों पर चर्चा की मांग की गई है। उन्होंने यह भी बताया कि कई सदस्यों ने ऐसे विषयों पर चर्चा की मांग की है जो न्यायालय में विचाराधीन हैं। उपसभापति ने कहा कि अदालत में लंबित मामलों पर सदन में चर्चा नहीं की जा सकती। इसके साथ ही उन्होंने नोटिसों को अस्वीकार कर दिया।
इसके बाद विपक्षी सांसद अपने स्थानों से खड़े होकर नारेबाजी करने लगे। सदन में हंगामा बढ़ता देख उपसभापति ने सांसदों से अपने स्थान पर लौटने का अनुरोध किया। उन्होंने राज्यसभा में शून्यकाल और प्रश्नकाल चलाने का आग्रह किया। लेकिन विपक्षी सांसद इसके लिए राजी नहीं हुए; वे अपनी सीटों से उठकर आगे आ गए और लगातार नारेबाजी करते रहे।
सदन में हंगामा बढ़ता देख उपसभापति ने कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। वहीं, लोकसभा में कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा बढ़ गया। विपक्षी सांसदों ने अपने स्थानों से उठकर वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे। हंगामे के बीच कुछ समय प्रश्नकाल चला लेकिन हंगामा बढ़ता देख लोकसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
यह ध्यान देने योग्य है कि सोमवार को राज्यसभा में इंडियन पोर्ट बिल लाने की योजना है। केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल इस विधेयक को सदन में पेश करेंगे। इसका उद्देश्य बंदरगाहों से संबंधित कानूनों का एकीकरण करना, एकीकृत बंदरगाह विकास को प्रोत्साहन देना, व्यापार सुगमता बढ़ाना और भारत की समुद्री तटरेखा का सर्वोत्तम उपयोग सुनिश्चित करना है। इसके अलावा, प्रमुख बंदरगाहों के साथ अन्य छोटे बंदरगाहों के प्रभावी प्रबंधन हेतु राज्य समुद्री बोर्डों की स्थापना और उन्हें सशक्त बनाना भी शामिल है।