क्या संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने चीन के ईएससीआर प्रस्ताव को सर्वसम्मति से मंजूरी दी?

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क्या संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने चीन के ईएससीआर प्रस्ताव को सर्वसम्मति से मंजूरी दी?

सारांश

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने चीन के ईएससीआर प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कर दिया है। यह प्रस्ताव विकासशील देशों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए प्रस्तुत किया गया था। क्या यह कदम मानवाधिकारों की दिशा में एक नया अध्याय खोलेगा?

Key Takeaways

  • ईएससीआर प्रस्ताव को लगभग 70 देशों का समर्थन मिला।
  • यह प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के 80 वर्ष पूरे होने पर प्रस्तुत किया गया।
  • यह विकासशील देशों की वास्तविक आवश्यकताओं का प्रतिनिधित्व करता है।

बीजिंग, 7 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 60वें सत्र में, चीन द्वारा बोलीविया, मिस्र, पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका सहित लगभग 70 देशों की ओर से प्रस्तुत असमानता की पृष्ठभूमि में आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों (ईएससीआर) की सुरक्षा और संवर्धन संबंधी प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया।

संयुक्त राष्ट्र जिनेवा कार्यालय में चीन के स्थायी प्रतिनिधि छन शू ने बैठक में कहा कि संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के 80 वर्ष और पेइचिंग घोषणापत्र तथा कार्रवाई मंच को अपनाने के 30 वर्ष पूरे होने के अवसर पर चीन का यह प्रस्ताव मतभेदों को दूर करने, आम सहमति को मजबूत करने और भविष्य की कार्रवाई की दिशा तय करने हेतु महत्वपूर्ण कदम है।

कई विकासशील देशों ने इस प्रस्ताव को जनता की वास्तविक आवश्यकताओं का प्रतिबिंब बताया और आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक अधिकारों में अधिक निवेश की उनकी मांग का सशक्त उत्तर माना।

यूरोपीय संघ सहित विभिन्न पक्षों ने भी इस प्रस्ताव की सराहना की। प्रस्ताव पारित होने के बाद संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय के अधिकारियों और कई देशों के प्रतिनिधियों ने चीन को बधाई दी तथा ईएससीआर क्षेत्र में उसके अग्रणी योगदान की प्रशंसा की।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

Point of View

NationPress
07/10/2025

Frequently Asked Questions

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद का यह प्रस्ताव क्यों महत्वपूर्ण है?
यह प्रस्ताव विकासशील देशों की आवश्यकताओं को दर्शाता है और आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों में निवेश की आवश्यकता को उजागर करता है।
क्या इस प्रस्ताव का कोई विरोध हुआ था?
इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया है, जिसका मतलब है कि किसी भी देश ने इसका विरोध नहीं किया।