क्या सरकार में लोग परेशान हो रहे हैं? सपा सांसद वीरेंद्र सिंह का बयान

सारांश
Key Takeaways
- दालमंडी के चौड़ीकरण से व्यापारी प्रभावित हो रहे हैं।
- सरकार को मुआवजा और विकल्प प्रदान करने चाहिए।
- स्थानीय परियोजनाओं से किसानों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
- सामाजिक नेताओं का सम्मान होना चाहिए।
- सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
वाराणसी, 12 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में दालमंडी के चौड़ीकरण को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। चंदौली से समाजवादी पार्टी के सांसद वीरेंद्र सिंह ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा आम लोगों को परेशान कर रही है।
सांसद वीरेंद्र सिंह ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया, "दाल मंडी में कई पीढ़ियों से व्यापार कर रहे लोगों को सरकार बिना विस्थापित किए उजाड़ रही है। इससे व्यापारी वर्ग को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ये व्यापारी इस स्थान पर एक लंबे समय से कार्यरत थे।"
उन्होंने आगे कहा कि यहां कई छोटे व्यापारी हैं, जिनकी एकमात्र आय का स्रोत यही है, फिर भी सरकार उन्हें बिना विस्थापित किए उनके व्यापार को नष्ट कर रही है। यदि सड़क चौड़ी करने की आवश्यकता है तो व्यापारियों को मुआवजा दिया जाना चाहिए। दुकानें टूटने से जिनका रोजगार छिन जाएगा, कम से कम उन्हें रोजगार के लिए कोई विकल्प तो बताएं।
वीरेंद्र सिंह ने बताया कि चंदौली में भारत माला जनपद परियोजना चल रही है। इस परियोजना के तहत कार्य कर रही संस्थान ने नदी के रास्ते में मिट्टी डाल दी है, जिससे स्थानीय निवासियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने ऐसी कार्यदायी संस्थाओं को कार्य सौंपा है, जिनका इस प्रकार के कार्यों में कोई अनुभव नहीं है। उनके कारण किसानों की फसलें खराब हो रही हैं, इसलिए सरकार को चाहिए कि एफआईआर कराकर उचित कार्रवाई करें, अन्यथा हम सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
बसपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "सरकार ने बहुजन समाज पार्टी की मदद करके मायावती की रैली को सफल बनाया है। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती द्वारा आयोजित रैली केवल एक दिखावा था, इससे कुछ भी सकारात्मक नहीं होने वाला है।"
लोकनायक जयप्रकाश नारायण के संदर्भ में उन्होंने कहा, "जयप्रकाश एक ऐसे नेता थे जिन्होंने हमेशा गरीबों, किसानों और समाजवाद के लिए संघर्ष किया। फासीवादी ताकतों से प्रेरित यह सरकार उत्तर प्रदेश और पूरे देश में चल रही है, इसलिए जयप्रकाश के सम्मान में एक कार्यक्रम आयोजित करना उचित है।"