क्या बिहार के सारण में आर्केस्ट्रा समूहों पर पुलिस की छापेमारी से लड़कियों को मिली मुक्ति?

सारांश
Key Takeaways
- नाबालिग लड़कियों का शोषण एक गंभीर मुद्दा है।
- सारण में पुलिस की कार्रवाई से जागरूकता बढ़ी है।
- आर्केस्ट्रा में काम करने वाली लड़कियों को सुरक्षा की जरूरत है।
- मानव अधिकारों की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
- समाज में शोषण के खिलाफ जागरूकता बढ़ाना जरूरी है।
छपरा, 2 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के सारण जिले में बुधवार को महिला और एकमा थाना ने आर्केस्ट्रा ग्रुप पर छापेमारी की, जिससे छह नाबालिग लड़कियों को शोषण और यातना से मुक्त किया गया। इन लड़कियों में से तीन बिहार की हैं, जबकि एक-एक लड़की पश्चिम बंगाल, दिल्ली और नेपाल से ट्रैफिकिंग के जरिए लाई गई थीं।
मुक्त कराई गई लड़कियों ने आरोप लगाया कि आर्केस्ट्रा संचालक न केवल उनके साथ अमानवीय व्यवहार करते थे, बल्कि जबरदस्ती अश्लील गानों पर नृत्य करवाते थे और मना करने पर प्रताड़ित भी करते थे।
सारण के पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष ने बताया कि राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के पत्र के आलोक में थानाध्यक्ष महिला थाना के नेतृत्व में एक टीम ने एकमा थाना क्षेत्र में आर्केस्ट्रा समूहों की घेराबंदी कर छापेमारी की। इस दौरान जबरन प्रताड़ित कर आर्केस्ट्रा में नृत्य करवाने वाली छह नाबालिग लड़कियों को मुक्त कराया गया। इन बच्चियों की उम्र 15 से 17 साल तक बताई जा रही है। छापे के दौरान आर्केस्ट्रा संचालक फरार हो गए हैं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है।
सारण जिले के एकमा थाना इलाके में मुक्त कराई गई सभी लड़कियों को थाना परिसर में लाया गया और फिर उन्हें चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के समक्ष प्रस्तुत किया गया। इस कार्रवाई में नारायणी सेवा संस्थान के पदाधिकारी भी शामिल थे।
उल्लेखनीय है कि मई 2024 से अब तक के विशेष अभियान में कुल 194 लड़कियों को मुक्त कराकर 24 कांड दर्ज करते हुए 61 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। सारण पुलिस द्वारा "आवाज दो" अभियान चलाकर महिलाओं के साथ हो रहे शोषण के खिलाफ निरंतर कार्रवाई की जा रही है।
बताया गया है कि बिहार का सारण जिला आर्केस्ट्रा का हब है। यहां के आर्केस्ट्रा समूहों में कार्य करने के लिए दूसरे राज्यों से बहला-फुसलाकर और लालच देकर नाबालिग लड़कियों को लाया जाता है और उनका शोषण किया जाता है। आर्केस्ट्रा में काम करने के दौरान उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित भी किया जाता है।
जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन से जुड़ा सहयोगी संगठन नारायणी सेवा संस्थान पिछले दो साल से आर्केस्ट्रा में नाबालिग बच्चियों के शोषण के खिलाफ अभियान चला रहा है।