क्या 15 जुलाई को सावन का पहला मंगला गौरी व्रत है? जानें विधि और शुभ मुहूर्त!

सारांश
Key Takeaways
- मंगला गौरी व्रत सावन मास के हर मंगलवार को किया जाता है।
- यह व्रत कन्याओं और सुहागिन स्त्रियों के लिए महत्वपूर्ण है।
- व्रत का उद्देश्य योग्य वर और सुखमय वैवाहिक जीवन प्राप्त करना है।
- इस व्रत को करने से भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद मिलता है।
- अभिजीत मुहूर्त का महत्व विशेष है।
नई दिल्ली, 14 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मंगलवार को श्रावण मास का पहला मंगला गौरी व्रत मनाया जाएगा। यह विशेष व्रत मुख्यतः कन्याओं और सुहागिन स्त्रियों द्वारा मां गौरी की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है, ताकि उन्हें देवी की कृपा से योग्य वर और सुखमय वैवाहिक जीवन मिल सके।
दृक पंचांग में इस व्रत के नियम और शुभ मुहूर्त का उल्लेख है। मंगला गौरी व्रत सावन मास के हर मंगलवार को किया जाता है। यह व्रत विवाहित महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी उम्र, सुखी वैवाहिक जीवन और अखंड सौभाग्य के लिए किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को करने से सुहागिन महिलाओं को भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
कुंवारी लड़कियां भी मनचाहा वर पाने और शीघ्र विवाह के लिए इस व्रत को रख सकती हैं। जिन दंपत्तियों को संतान सुख नहीं मिल रहा है, उनके लिए भी यह व्रत बहुत फायदेमंद माना जाता है।
व्रत को रखने के लिए आपको सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए और साफ वस्त्र पहनने चाहिए। फिर मंदिर या पूजा स्थल को साफ करें। एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर कलश स्थापना करें और उसमें आम के पत्ते और नारियल रखें। इसके बाद मां गौरी की स्थापना करें और उन्हें हल्दी, कुमकुम, चूड़ी, बिंदी, वस्त्र और सुहाग की सामग्री अर्पित करें। फिर निम्न मंत्र के साथ व्रत का संकल्प लें और घी का दीपक जलाएं। इसके बाद मां गौरी की व्रत कथा सुनें, साथ ही मां की आरती करें और "ऊँ गौरी त्रिपुरसुंदरी नमः" मंत्र का जाप करें। पूजा के बाद माता को 16 प्रकार की वस्तुएं अर्पित करें।
इसके अतिरिक्त 5 प्रकार के सूखे मेवे और 7 प्रकार के अनाज भी अर्पित करें। पूजा समाप्त होने के बाद आरती का आचमन करें और आसन को प्रणाम करके पूजा स्थल से उठें।
जो महिलाएं उपवास का पालन नहीं कर सकतीं, वे कम से कम पूजा कथा जरूर सुनें।
श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को सूर्य देव मिथुन राशि में रहेंगे, वहीं चंद्रमा 11 बजकर 58 मिनट तक कुंभ राशि में रहेंगे। इसके बाद मीन राशि में गोचर करेंगे। इस दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 59 मिनट से शुरू होकर शाम को 12 बजकर 55 मिनट तक रहेगा। इस दिन राहुकाल शाम के 03 बजकर 54 मिनट से शुरू होकर 05 बजकर 37 मिनट तक रहेगा।