क्या देवकीनंदन ठाकुर के सान्निध्य में 21 लाख पार्थिव शिवलिंग का निर्माण संभव है?

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क्या देवकीनंदन ठाकुर के सान्निध्य में 21 लाख पार्थिव शिवलिंग का निर्माण संभव है?

सारांश

सावन माह में भक्ति का एक अद्भुत अनुष्ठान वृंदावन में आरंभ हुआ है, जहाँ संत देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज की अगुवाई में 21 लाख पार्थिव शिवलिंगों का निर्माण किया जा रहा है। यह भक्तों के लिए एक प्रेरणादायक अवसर है, जो सामूहिक आराधना और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करता है।

Key Takeaways

  • सावन माह में भक्ति का एक अनुष्ठान शुरू हुआ है।
  • 21 लाख पार्थिव शिवलिंगों का निर्माण किया जा रहा है।
  • संत देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज का मार्गदर्शन महत्वपूर्ण है।
  • मिट्टी से बने शिवलिंगों की पूजा का विशेष महत्व है।
  • कांवड़ियों की सुरक्षा का ध्यान रखा जा रहा है।

मथुरा, 11 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। पवित्र सावन माह की शुरुआत के साथ ही ब्रजभूमि में भक्ति का एक विशाल अनुष्ठान आरंभ हो गया है। प्रसिद्ध कथावाचक और आध्यात्मिक गुरु संत देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज के सान्निध्य में वृंदावन के ठा. श्री प्रियाकांत जू मंदिर में 21 लाख पार्थिव शिवलिंगों के निर्माण का महासंकल्प प्रारंभ हुआ है। यह अनुष्ठान सावन माह के दौरान शिव भक्तों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बन गया है।

महाभियान के पहले दिन भक्तों में अद्भुत उत्साह देखने को मिला। मंदिर परिसर में हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी, जिन्होंने एकजुट होकर 1 लाख 1 हजार पार्थिव शिवलिंगों का निर्माण किया। 'हर-हर महादेव' के जयकारों और वैदिक मंत्रोच्चार से पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा।

मिट्टी से बने इन शिवलिंगों की पूजा सावन माह में अत्यंत पुण्यदायी मानी जाती है। मान्यता है कि इससे भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि यह महासंकल्प केवल शिवलिंग निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामूहिक भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार है, जो वातावरण को शुद्ध करता है।

उन्होंने भक्तों को शिव आराधना से जोड़ने और सावन माह के महत्व को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प दोहराया। देशभर से श्रद्धालु इस अनुष्ठान में शामिल होने वृंदावन पहुंच रहे हैं, और आने वाले दिनों में शिवलिंग निर्माण का आंकड़ा तेजी से बढ़ने की उम्मीद है।

इस अवसर पर देवकीनंदन महाराज ने अपनी राय रखी। उन्होंने कांवड़ियों की सुरक्षा और उनके लिए शुद्ध भोजन की व्यवस्था पर जोर दिया।

उन्होंने कहा, "कांवड़ियों की सुरक्षा होनी चाहिए। उनके लिए शुद्ध भोजन की व्यवस्था होनी चाहिए, जो उसमें मिलावट करने का काम कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्हें ऐसा दंड देना चाहिए कि कोई ऐसा दुस्साहस न कर सके। साथ ही उन्होंने मांस-मछली की दुकानों को सावन माह में बंद करने की मांग करते हुए कहा कि पूरे देश में मांस की बिक्री पर रोक लगनी चाहिए।

Point of View

यह अनुष्ठान न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह हमारी संस्कृति और एकता को भी दर्शाता है। जब भक्त एकजुट होते हैं, तो यह न केवल व्यक्तिगत भक्ति को बढ़ाता है, बल्कि समाज में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। हमें ऐसे आयोजनों का समर्थन करना चाहिए जो हमारे समाज को जोड़ते हैं।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

सावन माह में शिवलिंग की पूजा का महत्व क्या है?
सावन माह में मिट्टी से बने शिवलिंगों की पूजा अत्यंत पुण्यदायी मानी जाती है, जिससे भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज का इस अनुष्ठान में क्या योगदान है?
संत देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज इस महासंकल्प के प्रमुख मार्गदर्शक हैं, जो भक्तों को एकजुट कर रहे हैं।
क्या कोई भी इस अनुष्ठान में शामिल हो सकता है?
हाँ, देशभर से श्रद्धालु इस अनुष्ठान में शामिल होने के लिए वृंदावन आ रहे हैं।
कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने कांवड़ियों की सुरक्षा और उनके लिए शुद्ध भोजन की व्यवस्था पर जोर दिया है।
यह महासंकल्प कब तक चलेगा?
यह महासंकल्प सावन माह के दौरान जारी रहेगा, जिसमें 21 लाख पार्थिव शिवलिंगों का निर्माण किया जाएगा।