क्या केंद्रीय मंत्री सिंधिया और सीएम मोहन यादव करेंगे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का संयुक्त दौरा?

सारांश
Key Takeaways
- केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का दौरा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों की समीक्षा के लिए है।
- मुख्यमंत्री मोहन यादव के साथ मिलकर स्थिति का अवलोकन किया जाएगा।
- केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
- अधिकारियों को तुरंत राहत कार्यों की तैयारी के निर्देश दिए गए हैं।
- स्थानीय प्रतिनिधियों से संवेदनशीलता के साथ काम करने की अपील की गई है।
भोपाल, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोमवार को दिल्ली से भोपाल की यात्रा की, जहाँ से वे मुख्यमंत्री मोहन यादव के साथ गुना संसदीय क्षेत्र के शिवपुरी और गुना जिलों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का संयुक्त दौरा करेंगे।
केंद्रीय मंत्री सिंधिया पहले से ही क्षेत्र की स्थिति पर ध्यान दे रहे हैं, ताकि राहत कार्यों में समन्वय और गति लाई जा सके। वे इन जिलों में बाढ़ के कारण उत्पन्न परिस्थितियों का प्रत्यक्ष अवलोकन करेंगे, राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा करेंगे और प्रभावित नागरिकों से संवाद स्थापित करेंगे।
यह दौरा केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जिसमें नागरिकों को हर संभव सहायता देने का संकल्प दोहराया जाएगा। मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री दोनों ही संबंधित जिला प्रशासन से जमीनी हालात की जानकारी लेंगे और आवश्यक निर्देश देंगे।
अत्यधिक वर्षा के कारण गुना संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गुना, अशोकनगर और शिवपुरी जिले गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं। इस स्थिति की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने पहले ही क्षेत्रीय प्रशासन को निर्देश जारी किए थे कि राहत कार्यों में कोई देरी या लापरवाही न हो।
उन्होंने अधिकारियों को सुरक्षा, भोजन, स्वच्छ पेयजल और चिकित्सा सुविधाओं की तत्काल उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि हेलीकॉप्टर, नाव या अन्य आवश्यक संसाधनों का तत्काल उपयोग किया जाए और कोई भी प्रभावित नागरिक राहत से वंचित न रहे।
बाढ़ की गंभीरता को देखते हुए सिंधिया ने केंद्रीय गृह मंत्रालय एवं रक्षा मंत्रालय से समन्वय स्थापित किया था। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव से भी लगातार संपर्क में रहकर समन्वय सुनिश्चित किया था। उन्होंने स्थानीय विधायकों, पंचायत प्रतिनिधियों व पार्टी पदाधिकारियों से अपील की थी कि वे संवेदनशीलता और समर्पण के साथ राहत कार्यों में भाग लें।