क्या सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने ड्रोन और युद्धक तैयारियों की समीक्षा की?
                                सारांश
Key Takeaways
- ड्रोन तकनीक का व्यापक उपयोग
 - ऑपरेशनल तैयारियों का मूल्यांकन
 - मिलिटरी-सिविल फ्यूजन का महत्व
 - पूर्व सैनिकों के कल्याण के प्रयास
 - संतुलित सुरक्षा के लिए तकनीकी समन्वय
 
नई दिल्ली, 4 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी सैन्य तैयारियों की लगातार समीक्षा कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने कई सीमावर्ती क्षेत्रों का दौरा किया था और अब ड्रोन तैयारियों, प्रशिक्षण में नवाचार समेत विभिन्न विषयों का निरीक्षण किया।
जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने खड़गा कोर का दौरा किया, जहाँ उन्होंने ऑपरेशनल तैयारियों की समीक्षा की। इस अवसर पर उन्हें युद्धक क्षमता को मजबूत करने, अत्याधुनिक तकनीकों के समावेश, अंतर-एजेंसी समन्वय को बढ़ाने और राष्ट्र निर्माण से जुड़े पहलुओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
यह ध्यान देने योग्य है कि आधुनिक युद्ध की तकनीकें बदल रही हैं। अब यह केवल बंदूक और तोपों तक सीमित नहीं है, बल्कि ड्रोन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। रोबोट और डेटा वॉरफेयर ने इन्फैंट्री को नई दिशा दी है। खड़गा कोर में इन तकनीकों का व्यापक उपयोग किया जा रहा है।
सेनाध्यक्ष ने ड्रोन तैयारियों की जानकारी लेते हुए कोर द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन की भी सराहना की। उन्होंने ड्रोन डिजाइन और प्रशिक्षण में नवाचार, लॉजिस्टिक्स और प्रशासन में उन्नत तकनीकी समाधानों को अपनाने, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए किए गए प्रयासों और ऑपरेशन राहत के तहत मानवीय सहायता गतिविधियों की प्रशंसा की।
थलसेना प्रमुख ने बताया कि खड़गा कोर द्वारा मिलिटरी-सिविल फ्यूजन को प्रोत्साहित करके सस्टेनेबल सिक्योरिटी में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा रहा है। अधिकारियों और जवानों के साथ बातचीत के दौरान, जनरल द्विवेदी ने उनकी पेशेवर दक्षता, निष्ठा और राष्ट्र सेवा के प्रति अटूट समर्पण की सराहना की। भारतीय सेना की शक्ति उसके कर्मयोगियों की प्रतिबद्धता, साहस और अनुशासन में निहित है, जो उसे हर चुनौती का सामना करने में सक्षम बनाती है।
सेनाध्यक्ष का यह दौरा न केवल कोर की तैयारियों का मूल्यांकन था, बल्कि यह सैनिकों के उत्साहवर्धन और भारतीय थलसेना के सतत आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। हाल ही में जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बीकानेर मिलिट्री स्टेशन और इसके सीमावर्ती क्षेत्रों का दौरा किया, जहाँ उन्होंने भारतीय सेना की ऑपरेशनल तैयारियों की समीक्षा की।
थलसेना अध्यक्ष ने सेना के आधुनिकीकरण, युद्धक तैयारियों, तकनीकी क्षमताओं को मजबूत करने और परिचालन उत्कृष्टता पर जोर दिया। बीकानेर के सैनिकों और पूर्व सैन्य दिग्गजों को संबोधित करते हुए उन्होंने कठोर मरुस्थलीय और अर्ध-मरुस्थलीय इलाकों में ड्यूटी निभाने के लिए उनकी प्रतिबद्धता, समर्पण और मल्टी-एजेंसी समन्वय की सराहना की।
उन्होंने कहा कि उच्च ऑपरेशनल रेडीनेस बनाए रखने के लिए तकनीक को सभी स्तरों पर आत्मसात करना जरूरी है। जनरल द्विवेदी ने कहा कि वर्तमान जटिल सुरक्षा माहौल में सशस्त्र बलों, सरकारी एजेंसियों, उद्योग, शिक्षाविदों और समाज के बीच निर्बाध समन्वय आवश्यक है। उन्होंने मिलिटरी-सिविल फ्यूजन के महत्व को रेखांकित किया और पूर्व सैनिकों के योगदान की सराहना की, जो भारत की रक्षा तैयारी और युद्धक प्रभुत्व को मजबूत करते हैं।