क्या सेनाध्यक्ष ने नव नियुक्त कमांड सूबेदार मेजर्स के साथ संवाद किया?

सारांश
Key Takeaways
- सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी का कमांड सूबेदार मेजर्स के साथ संवाद
- सैनिकों के कल्याण और मनोबल पर ध्यान केंद्रित
- ऑपरेशन शिवा 2025 के तहत सुरक्षा तैयारियाँ
- कश्मीर क्षेत्र की सुरक्षा ग्रिड की समीक्षा
- ड्रोन रोधी ग्रिड और चिकित्सा सहायता की व्यवस्था
नई दिल्ली, १३ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भारतीय सेना में नवनियुक्त कमांड सूबेदार मेजर्स के साथ महत्वपूर्ण मुलाकात की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य सैनिकों के कल्याण और मनोबल को बढ़ाना था।
सेना के अनुसार, इस संवाद के दौरान जमीनी स्तर पर नेतृत्व की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर किया गया। सेनाध्यक्ष ने इन अधिकारियों की जिम्मेदारी पर जोर दिया, ताकि एक संगठित एवं प्रेरित बल का निर्माण किया जा सके। उन्होंने मजबूत नेतृत्व और साझा उत्तरदायित्व के महत्व को बताया, जिससे रक्षा व्यवस्था की क्षमता को और सुदृढ़ किया जा सके।
यह ध्यान देने योग्य है कि सेनाध्यक्ष लगातार विभिन्न स्तरों पर सैन्य अधिकारियों और जवानों के साथ संवाद कर रहे हैं। हाल ही में, उन्होंने नई दिल्ली में 'चीफ्स चिंतन' नामक विशेष कार्यक्रम में पूर्व सेना प्रमुखों के साथ भी विस्तृत चर्चा की। यह दो दिवसीय कार्यक्रम मानेकशॉ सेंटर में आयोजित किया गया था।
सेना के अनुसार, ऑपरेशन 'सिन्दूर' के बाद आयोजित इस चर्चा का उद्देश्य पूर्व सेनाध्यक्षों के अनुभव और रणनीतिक दृष्टिकोण का लाभ उठाते हुए भारतीय सेना के भविष्य को दिशा देना था। हाल ही में, सेना प्रमुख ने कश्मीर क्षेत्र का दौरा भी किया है, जहां उन्होंने सुरक्षा ग्रिड की व्यापक समीक्षा की।
उन्होंने अमरनाथ यात्रा 2025 के लिए सुरक्षा संबंधी तैयारियों का भी जायज़ा लिया। वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने उन्हें वर्तमान अभियानगत स्थिति और व्यापक रणनीतिक परिदृश्य की जानकारी दी।
गौरतलब है कि भारतीय सेना ने अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए 'ऑपरेशन शिवा 2025' शुरू किया है। इस बार सुरक्षा व्यवस्था को काफी मजबूत किया गया है, विशेष रूप से पाकिस्तान समर्थित आतंकियों से उत्पन्न खतरे को ध्यान में रखते हुए। यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए ८,५०० से अधिक सैनिकों की तैनाती की गई है। एक गतिशील आतंकवाद विरोधी ग्रिड, रोकथाम आधारित सुरक्षा तैनाती और कॉरिडोर सुरक्षा उपाय लागू किए गए हैं।
सेना के अनुसार, यहाँ ५० से अधिक काउंटर-यूएएस और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम्स के साथ एक मजबूत ड्रोन रोधी ग्रिड भी तैनात है। यात्रा मार्गों और पवित्र गुफा की लाइव निगरानी की जा रही है। पुल निर्माण, ट्रैक चौड़ीकरण और आपदा प्रबंधन के लिए सेना की इंजीनियर टास्क फोर्स को तैनात किया गया है। १५० से अधिक डॉक्टर और चिकित्सा कर्मी, २ एडवांस ड्रेसिंग स्टेशन, ९ मेडिकल एड पोस्ट, एक १००-बेड का अस्पताल और २६ ऑक्सीजन बूथ उपलब्ध कराए गए हैं।