क्या शारदा विश्वविद्यालय में छात्रा की आत्महत्या के मामले में प्रशासन ने सही कदम उठाए?

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क्या शारदा विश्वविद्यालय में छात्रा की आत्महत्या के मामले में प्रशासन ने सही कदम उठाए?

सारांश

क्या शारदा विश्वविद्यालय में छात्रा की आत्महत्या की घटना के बाद प्रशासन ने उचित कदम उठाए हैं? जानें पूरी जानकारी और इस संवेदनशील मामले पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं।

Key Takeaways

  • छात्रा की आत्महत्या ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर सवाल उठाए हैं।
  • चार प्रोफेसरों को निलंबित किया गया है।
  • पुलिस ने जांच में तेजी लाई है।
  • छात्रों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है।
  • सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस बल की तैनाती की गई है।

ग्रेटर नोएडा, 22 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। शारदा विश्वविद्यालय में बीडीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा की आत्महत्या का मामला काफी चर्चा में है। इस घटना के मद्देनजर, विश्वविद्यालय प्रशासन ने विभागाध्यक्ष सहित चार प्रोफेसरों को निलंबित करने का निर्णय लिया है।

निलंबित प्रोफेसरों को विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश से रोक दिया गया है और उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इस मामले को लेकर विश्वविद्यालय में छात्रों और सामाजिक संगठनों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। कई संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं और जिला प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।

सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर प्रशासनिक जांच समिति के गठन की मांग की है। पुलिस प्रशासन भी मामले को गंभीरता से लेकर जांच प्रक्रिया को तेज कर रहा है। अब तक हॉस्टल वार्डन और संबंधित विभाग के कई स्टाफ से पूछताछ की जा चुकी है।

पुलिस ने छात्रा के विभाग को सील कर दिया है और यह स्पष्ट किया है कि जांच पूरी होने के बाद ही विभाग को दोबारा खोला जाएगा।

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, वीडियो साक्ष्य भी कब्जे में लेकर फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं। विश्वविद्यालय परिसर और छात्रावास में तनाव की स्थिति को देखते हुए पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी गई है। सुरक्षा के मद्देनजर परिसर के बाहर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके।

गौरतलब है कि गुरुग्राम निवासी छात्रा ने बीते शुक्रवार को छात्रावास में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। मौके से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ, जिसमें उसने अपने विभाग के प्रोफेसरों और अन्य स्टाफ पर मानसिक उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं।

छात्रा ने नोट में दो शिक्षकों का नाम भी उल्लेख किया है, जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वहीं, अन्य संदिग्ध कर्मचारियों और प्रोफेसरों से भी पूछताछ की जा रही है।

Point of View

जो शिक्षा संस्थानों में मानसिक स्वास्थ्य और छात्रों के प्रति प्रशासन की जिम्मेदारी पर सवाल उठाती है। हमें इस मामले में निष्पक्षता से जांच की आवश्यकता है।
NationPress
25/07/2025

Frequently Asked Questions

क्या छात्रा की आत्महत्या के पीछे कोई विशेष कारण था?
छात्रा ने अपने सुसाइड नोट में विभाग के प्रोफेसरों पर मानसिक उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने किस प्रकार की कार्रवाई की है?
प्रशासन ने चार प्रोफेसरों को निलंबित कर दिया है और उन्हें परिसर में आने से रोक दिया है।
क्या पुलिस ने इस मामले में कोई गिरफ्तारी की है?
हां, पुलिस ने दो शिक्षकों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
क्या विश्वविद्यालय में छात्रों का आक्रोश है?
जी हां, छात्रों और सामाजिक संगठनों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है, और वे निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।
क्या विश्वविद्यालय परिसर में सुरक्षा बढ़ाई गई है?
हां, पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी गई है ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके।