क्या शरजील इमाम ने दिल्ली दंगा मामले में अपनी अंतरिम जमानत याचिका वापस ले ली?

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क्या शरजील इमाम ने दिल्ली दंगा मामले में अपनी अंतरिम जमानत याचिका वापस ले ली?

सारांश

शरजील इमाम ने दिल्ली दंगा मामले में अंतरिम जमानत याचिका वापस ले ली है, जिसके पीछे बिहार चुनाव में भाग लेने की इच्छा है। यह निर्णय उनकी नियमित जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित रहने के बाद लिया गया। जानिए इस मामले में क्या नया हुआ है और शरजील का चुनावी इरादा कैसे चर्चा में है।

Key Takeaways

  • शरजील इमाम ने अंतरिम जमानत याचिका वापस ली।
  • उन पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप हैं।
  • शरजील की नियमित जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
  • बिहार विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में भागीदारी का इरादा।
  • दिल्ली हाईकोर्ट ने कई आरोपियों को जमानत देने से इनकार किया था।

नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। 2020 के दिल्ली दंगा मामले में आरोपी और जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम ने मंगलवार को दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट से अपनी अंतरिम जमानत याचिका वापस ले ली। यह याचिका उन्होंने बिहार चुनाव में भाग लेने के लिए दायर की थी।

शरजील इमाम ने अदालत से 14 दिनों की अंतरिम जमानत मांगी थी ताकि वे बहादुरगंज विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ सकें। हालांकि, सुनवाई के दौरान उनके वकील ने याचिका वापस लेने का निर्णय किया।

उनके वकील ने कहा कि उनकी नियमित जमानत याचिका फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इसलिए अंतरिम जमानत के लिए आवेदन करने का उचित मंच सुप्रीम कोर्ट ही होगा, न कि ट्रायल कोर्ट। इस आधार पर कड़कड़डूमा कोर्ट में दाखिल अंतरिम जमानत याचिका को वापस लेने की अनुमति मांगी गई।

शरजील इमाम पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप हैं। उन पर देशद्रोह, आपराधिक साजिश और राजद्रोह से संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज है। दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में कहा गया है कि शरजील ने शाहीन बाग और जामिया इलाके में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी के विरोध के दौरान उकसाने वाले भाषण दिए थे, जिनसे हिंसा भड़की।

शरजील को जनवरी 2020 में बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार किया गया था और तब से वे न्यायिक हिरासत में हैं।

उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में बहादुरगंज सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उतरने का ऐलान किया था। उन्होंने इसके लिए अदालत से दो सप्ताह की अस्थायी रिहाई मांगी थी ताकि नामांकन और प्रचार में हिस्सा ले सकें।

शरजील के चुनाव लड़ने के इरादे ने बिहार की सियासत में नई चर्चा छेड़ दी है।

इससे पहले, दिल्ली हाईकोर्ट ने 2 सितंबर को इमाम, खालिद और मीरान हैदर, गुलफिशा फातिमा, अतर खान, शिफा-उर-रहमान, मोहम्मद सलीम खान, शादाब अहमद और खालिद सैफी समेत अन्य आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया था।

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि हम इस मामले को बिना किसी पक्षपात के देखें। शरजील इमाम का राजनीति में प्रवेश और उनकी जमानत याचिका का वापस लेना दोनों ही घटनाएं हैं जो बिहार की राजनीति को प्रभावित कर सकती हैं। हमें यह समझने की आवश्यकता है कि न्यायपालिका का निर्णय और राजनीतिक गतिविधियाँ एक-दूसरे से कैसे जुड़ी हैं।
NationPress
14/10/2025

Frequently Asked Questions

शरजील इमाम कौन हैं?
शरजील इमाम एक पूर्व जेएनयू छात्र हैं, जो 2020 के दिल्ली दंगा मामले में आरोपी हैं।
शरजील इमाम ने अपनी अंतरिम जमानत याचिका क्यों वापस ली?
उन्होंने अपनी अंतरिम जमानत याचिका बिहार विधानसभा चुनाव में भाग लेने के लिए वापस ली।
शरजील इमाम पर क्या आरोप हैं?
उन पर भड़काऊ भाषण देने, देशद्रोह और आपराधिक साजिश के आरोप हैं।
उनकी अगली कानूनी कारवाई क्या होगी?
उनकी नियमित जमानत याचिका फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
बिहार विधानसभा चुनाव में उनका क्या इरादा है?
शरजील इमाम बहादुरगंज सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ना चाहते हैं।