क्या शौर्य दिवस 2025 पर सेना प्रमुख ने तीन पुस्तकों का अनावरण किया और उन्हें शौर्य एवं नवाचार का प्रतीक बताया?

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क्या शौर्य दिवस 2025 पर सेना प्रमुख ने तीन पुस्तकों का अनावरण किया और उन्हें शौर्य एवं नवाचार का प्रतीक बताया?

सारांश

शौर्य दिवस 2025 के अवसर पर थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने तीन नई पुस्तकों का अनावरण किया, जो भारतीय सेना के अदम्य साहस और नवाचार को दर्शाती हैं। ये पुस्तकें न केवल सेना के गौरवमयी इतिहास को उजागर करती हैं, बल्कि आत्मनिर्भरता के महत्व को भी रेखांकित करती हैं।

Key Takeaways

  • शौर्य दिवस 2025 का आयोजन भारतीय सेना के बलिदान और वीरता को सम्मानित करता है।
  • जनरल द्विवेदी ने तीन नई पुस्तकों का अनावरण किया।
  • ये पुस्तकें आत्मनिर्भरता और रक्षा क्षेत्र में नवाचार के महत्व को उजागर करती हैं।
  • पुस्तकों में भारतीय सेना के गौरवशाली इतिहास की कहानियाँ शामिल हैं।
  • समारोह ने देश के प्रति सैनिकों की निस्वार्थ सेवा को प्रदर्शित किया।

नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। शौर्य दिवस 2025 के अवसर पर थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने वीरता, नवाचार और बलिदान को उजागर करते हुए तीन महत्वपूर्ण पुस्तकों का अनावरण किया। ये पुस्तकें भारतीय सेना के गौरवशाली इतिहास, आत्मनिर्भरता और सैनिकों के अदम्य साहस को दर्शाती हैं।

इस समारोह में सेना के शौर्य और मातृभूमि के प्रति समर्पण को सम्मानित किया गया।

पहली पुस्तक, 'सर्प विनाश', 2003 में जम्मू-कश्मीर के सुरनकोट में रोमियो फोर्स द्वारा चलाए गए ऐतिहासिक आतंकवाद-रोधी अभियान, ऑपरेशन सर्प विनाश की कहानी को वर्णित करती है। तत्कालीन मेजर जनरल लिद्दर की कमान में यह अभियान आतंकवाद के खिलाफ भारतीय सेना की रणनीतिक कुशलता का प्रतीक है। जयश्री लक्ष्मीकांत द्वारा लिखित, यह पुस्तक एक अनुभवी सैनिक की संचालन संबंधी अंतर्दृष्टि और लेखिका की कहानी कहने की कला का अद्भुत मिश्रण प्रस्तुत करती है। यह पुस्तक सेना के दृढ़ संकल्प और जटिल परिस्थितियों में उनकी सफलता को उजागर करती है।

दूसरी पुस्तक, 'बिटिंग द सिल्वर बुलेट', गोला-बारूद के विज्ञान और डिजाइन पर केंद्रित है। संजय सोनी द्वारा लिखित और चैताली बाग द्वारा संपादित यह पुस्तक भारत की 'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक इन इंडिया, मेड फॉर द वर्ल्ड' पहल को रेखांकित करती है। यह रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी तकनीक और नवाचार के महत्व को दर्शाती है, जो भारत को वैश्विक रक्षा उत्पादन का केंद्र बनाने की दिशा में एक कदम है। पुस्तक में गोला-बारूद के डिजाइन और उत्पादन में तकनीकी प्रगति को सरल भाषा में समझाया गया है।

तीसरी पुस्तक, 'पैरा कमांडो', दीपक सुराना द्वारा लिखित, 9 पैराशूट बटालियन (विशेष बल) के कैप्टन अरुण सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि है। कैप्टन सिंह, जो थल सेना प्रमुख के पूर्व सहायक कमांडिंग ऑफिसर (एडीसी) थे, ने कश्मीर में अपने साथियों के साथ फिर से जुड़ने का फैसला किया। एक भीषण मुठभेड़ में उन्होंने सर्वोच्च बलिदान दिया और मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित हुए। यह पुस्तक उनके साहस, नेतृत्व और देश के प्रति समर्पण को जीवंत करती है।

जनरल द्विवेदी ने इन पुस्तकों को सेना के शौर्य और नवाचार का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, "ये पुस्तकें न केवल हमारे सैनिकों की वीरता को दर्शाती हैं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के सपने को भी साकार करती हैं।" समारोह में उपस्थित सैन्य अधिकारियों और गणमान्य व्यक्तियों ने इन रचनाओं की सराहना की।

Point of View

मेरा मानना है कि यह समारोह न केवल सेना के शौर्य को प्रदर्शित करता है, बल्कि यह हमें अपने सैनिकों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता की भावना को भी जागृत करता है। इन पुस्तकों के माध्यम से हम अपने इतिहास को समझ सकते हैं और भविष्य के लिए प्रेरणा प्राप्त कर सकते हैं।
NationPress
26/10/2025

Frequently Asked Questions

शौर्य दिवस 2025 का महत्व क्या है?
शौर्य दिवस 2025 भारतीय सेना के बलिदान, वीरता और नवाचार को समर्पित है, जो हमें अपने सैनिकों के प्रति गर्वित करता है।
इन पुस्तकों में क्या विशेष है?
इन पुस्तकों में भारतीय सेना के इतिहास, आत्मनिर्भरता और सैनिकों की वीरता की कहानियाँ शामिल हैं, जो हमें प्रेरित करती हैं।
कौन-कौन सी पुस्तकों का अनावरण किया गया?
अनावरण की गई पुस्तकों में 'सर्प विनाश', 'बिटिंग द सिल्वर बुलेट', और 'पैरा कमांडो' शामिल हैं।