क्या अजित कुमार हत्याकांड में गवाह की जान को खतरा है?

Click to start listening
क्या अजित कुमार हत्याकांड में गवाह की जान को खतरा है?

सारांश

शिवगंगा में अजित कुमार की हत्या के मामले में मुख्य गवाह शक्तिश्वरन ने सुरक्षा की मांग की है। उनके वीडियो ने मामले को नया मोड़ दिया है। क्या पुलिस गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित कर पाएगी?

Key Takeaways

  • गवाहों को सुरक्षा प्रदान करना अत्यंत आवश्यक है।
  • अजित कुमार की मौत पुलिस कस्टडी में हुई है।
  • मुख्य गवाह ने धमकियों का सामना किया है।
  • मामले में राजनीतिक गतिविधियाँ भी जारी हैं।
  • अदालत में सबूत पेश करने का महत्व।

शिवगंगा, 3 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु के शिवगंगा में सिक्योरिटी गार्ड अजित कुमार की कथित हत्या के मामले में गवाहों को अपनी जान का खतरा महसूस हो रहा है। इसी चिंता के चलते, मुख्य गवाह शक्तिश्वरन ने तमिलनाडु के डीजीपी से सुरक्षा की गुहार लगाई है। अजित कुमार की मौत पुलिस की हिरासत में हुई थी।

इस मामले में 34 वर्षीय एम. शक्तिश्वरन वह शख्स हैं, जिन्होंने अपने मोबाइल फोन पर एक वीडियो बनाया था। उस वीडियो में स्पेशल टास्क फोर्स के कर्मचारियों को सिक्योरिटी गार्ड अजित कुमार पर हमला करते हुए देखा जा सकता है। बाद में, उन्होंने यह वीडियो अदालत में महत्वपूर्ण सबूत के रूप में पेश किया।

फिलहाल, शक्तिश्वरन ने तमिलनाडु के डीजीपी को ईमेल के माध्यम से अपने सुरक्षा की मांग की है। उन्होंने अपने और अपने परिवार के लिए पुलिस सुरक्षा की अपील की है।

शक्तिश्वरन ने आरोप लगाया है कि इस मामले में गिरफ्तार विशेष बल के पुलिसकर्मी राजा का आपराधिक तत्वों से संबंध है। गवाह ने कहा, "उन्हें 28 जून से ही धमकियां मिलनी शुरू हो गई थीं और अदालत में सबूत पेश करने के बाद ये धमकियां और बढ़ गई हैं। इससे न सिर्फ उन्हें, बल्कि उनके परिवार को भी गंभीर खतरा महसूस हो रहा है।"

इस वजह से, गवाह शक्तिश्वरन ने डीजीपी को ईमेल भेजकर अपील की है कि उन्हें और उनके परिजनों को जल्द से जल्द सुरक्षा प्रदान की जाए। शक्तिश्वरन ने यह भी कहा कि वह इस संबंध में जल्द ही हाई कोर्ट में याचिका दायर करेंगे।

मामले से जुड़े वकील गणेश ने कहा, "भारतीय कानून के अनुसार, मुख्य गवाहों को उचित सुरक्षा मिलनी चाहिए। इस मामले में अब तक कोई सुरक्षा नहीं दी गई है। इसलिए ईमेल के माध्यम से औपचारिक रूप से सुरक्षा की मांग की गई है। यह एक गंभीर मामला है और जल्द ही जरूरी कदम उठाए जाएंगे।"

पुलिस ने 27 जून को अजित कुमार को चोरी के आरोप में हिरासत में लिया था। अगले दिन उसकी तबीयत बिगड़ी और बाद में उसकी मृत्यु हो गई। परिवार ने पुलिसकर्मियों पर अजित के साथ मारपीट करने का आरोप लगाया है। इस मामले में अब तक पांच आरोपी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। फिलहाल, तमिलनाडु में इस मामले को लेकर राजनीति भी जारी है।

Point of View

तो यह न्याय प्रणाली की प्रामाणिकता पर सवाल उठाता है। हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि गवाहों को सुरक्षा प्रदान की जाए ताकि वे बिना किसी भय के न्याय के लिए आवाज़ उठा सकें।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

अजित कुमार का हत्याकांड कब हुआ?
अजित कुमार की मौत 27 जून को पुलिस कस्टडी में हुई।
मुख्य गवाह ने सुरक्षा क्यों मांगी?
मुख्य गवाह शक्तिश्वरन ने धमकियों के कारण सुरक्षा की मांग की है।
क्या पुलिस ने मामले में कार्रवाई की है?
जी हां, इस मामले में अब तक पांच आरोपी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया है।