क्या श्रिया पिलगांवकर ने 'मंडला मर्डर्स' में अपने रहस्यमयी किरदार को लेकर कुछ खास कहा?

सारांश
Key Takeaways
- श्रिया पिलगांवकर ने एक गुप्त पंथ की संस्थापक का किरदार निभाया है।
- यह क्राइम थ्रिलर दर्शकों को रोमांचित करेगी।
- श्रिया का अनुभव इस प्रोजेक्ट में बेहद खास रहा है।
- वेब सीरीज नेटफ्लिक्स पर उपलब्ध है।
- कहानी में कई गहरे रहस्य हैं जो धीरे-धीरे खुलते हैं।
मुंबई, 2 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। अभिनेत्री श्रिया पिलगांवकर वर्तमान में यशराज फिल्म्स (वाईआरएफ) की नई वेब सीरीज 'मंडला मर्डर्स' में अपने रहस्यमयी किरदार को लेकर चर्चा का विषय बनी हुई हैं। इस क्राइम थ्रिलर सीरीज में उन्होंने 'रुक्मिणी' नाम की एक महिला की भूमिका निभाई है, जो 1950 के दशक में एक गुप्त पंथ की संस्थापक रही हैं। हालांकि उनकी भूमिका सीमित थी, लेकिन अभिनेत्री का कहना है कि यह अनुभव उनके लिए बेहद गहरा, मजेदार और सशक्त रहा।
श्रिया ने इंस्टाग्राम पर शूटिंग के दौरान की कुछ बीटीएस (बिहाइंड द सीन) तस्वीरें और वीडियो साझा किए हैं। इनमें उनके किरदार की लुक टेस्ट क्लिप भी शामिल है, जहां वह रंग-बिरंगे कपड़ों और भारी गहनों में नजर आ रही हैं।
एक वीडियो में वह कहती हैं, ''मुझे यह लुक बहुत पसंद आया। जाहिर है कि मेरा किरदार ऐसे ही उठता है।''
एक तस्वीर में श्रिया हाथ में स्क्रिप्ट पकड़े हुए नजर आ रही हैं, और उन्होंने लिखा है, ''अपने डेब्यू फिल्म 'फैन' के बाद वाईआरएफ के साथ फिर काम करना बेहद खास रहा।''
ज्ञात हो कि श्रिया ने 2016 में शाहरुख खान की फिल्म 'फैन' से बॉलीवुड में पदार्पण किया था।
अपने पोस्ट के कैप्शन में उन्होंने लिखा, ''कभी नहीं सोचा था कि मैं ऐसा कोई रोल करूंगी। लेकिन, अब जब किया है, तो महसूस हो रहा है कि मुझे अपना काम कितना पसंद है।''
श्रिया ने आगे निर्देशक गोपी पुथरन, कास्टिंग डायरेक्टर शानू शर्मा, सह-निर्देशक मनन रावत, और निर्माता आदित्य चोपड़ा का धन्यवाद करते हुए कहा कि उन्हें यह अलग किस्म का किरदार निभाने का मौका मिला।
'मंडला मर्डर्स' को गोपी पुथरन और मनन रावत ने मिलकर बनाया और निर्देशित किया है। यह सीरीज उपन्यास 'द बुचर ऑफ बनारसी' पर आधारित है।
नेटफ्लिक्स की क्राइम थ्रिलर सीरीज 'मंडला मर्डर्स' में सिद्धांत कपूर भी हैं, जिन्होंने खतरनाक गैंगस्टर का रोल निभाया है। यह कहानी एक काल्पनिक शहर चरणदासपुर की है, जहां दो पुलिस वाले एक हत्याकांड मामले की जांच करते हैं। ये हत्याएं धार्मिक तरीकों से जुड़ी होती हैं।
शुरुआत में 1950 का दौर दिखाया जाता है, जहां कुछ औरतें अजीब से टोटके से एक मृत व्यक्ति में जान डालने की कोशिश कर रही होती हैं, लेकिन गांव वाले उनके ठिकाने को जलाकर उनकी कोशिशों पर पानी फेर देते हैं।
इसके बाद कहानी आज के समय में लौट आती है, जहां दिल्ली पुलिस का सस्पेंडेड ऑफिसर विक्रम सिंह अपने पिता के साथ गांव चरणदासपुर जा रहा होता है।
ट्रेन में उनकी मुलाकात एक प्रेस फोटोग्राफर से होती है, जिसकी धड़ कटी लाश अगले दिन नदी में तैरती मिलती है। इस क्रूर हत्या से पूरे गांव में दहशत फैल जाती है और मामले की जांच सीआईबी (सेंट्रल इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो) की ऑफिसर रिया थॉमस करती हैं।
सीरीज में रिया थॉमस का किरदार वाणी कपूर ने निभाया है। जांच के दौरान सामने आता है कि एक बाहुबली नेता की भी ऐसी ही क्रूर हत्या की गई है। उसके दोनों हाथ काटकर मार दिया गया है। इस पर शक उनकी विरोधी नेता अनन्या भारद्वाज (सुरवीन चावला) पर भी जाता है। कहानी जैसे-जैसे आगे बढ़ती है, तो कई गहरे रहस्य खुलने लगते हैं।