क्या शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा ने उनके परिवार को गर्व से भर दिया?

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क्या शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा ने उनके परिवार को गर्व से भर दिया?

सारांश

शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा ने उनके परिवार को गर्व से भर दिया है। उनकी मां भावुक हो गईं और पिता खुशी से झूम उठे। यह एक महत्वपूर्ण क्षण है जो पूरे देश के लिए गर्व का विषय है।

Key Takeaways

  • शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा ने पूरे देश में गर्व की भावना पैदा की।
  • उनकी मां की भावुकता ने इस पल को और खास बना दिया।
  • यह मिशन भारत की वैज्ञानिक प्रगति का प्रतीक है।
  • राकेश शर्मा के बाद, शुभांशु दूसरी बार भारत का नाम रोशन कर रहे हैं।
  • परिवार का जश्न दर्शाता है कि यह उपलब्धि केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामूहिक है।

लखनऊ, २५ जून (राष्ट्र प्रेस)। एक्सिओम-४ मिशन के अंतर्गत भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा पर सम्पूर्ण देश गर्व महसूस कर रहा है। जब उनकी मां आशा शुक्ला ने बेटे को अंतरिक्ष की उड़ान के लिए जाते देखा, तो वह बहुत भावुक हो गईं। वहीं, पिता का सीना चौड़ा था और वह खुशी से झूम रहे थे। परिवार ने शुभांशु के इस सफल मिशन के लिए जश्न मनाने के साथ-साथ प्रार्थना भी की।

शुभांशु शुक्ला का परिवार फ्लोरिडा में स्थित नासा के कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र से एक्सिओम ४ का प्रक्षेपण देखने के लिए एकत्र हुआ। जैसे ही मिशन ने उड़ान भरी, शुभांशु के माता-पिता और रिश्तेदार उत्सव मनाते हुए नजर आए। शुभांशु की मां आशा शुक्ला के आंखों में खुशी के आंसू थे। अपने बेटे को अंतरिक्ष में उड़ान भरते देखकर वह अपनी भावनाओं को रोक नहीं पाईं।

न्यूज एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में शुभांशु की मां ने कहा, "आज के इस खास पल के लिए शब्दों की कमी है। बहुत खुशी का दिन है। हम इस पल का एक महीने से इंतजार कर रहे थे। अपने बेटे को देखकर मैं थोड़ी भावुक हूं। मेरी प्रार्थना है कि वह सफल होकर लौटे।"

शुभांशु के पिता शंभू दयाल शुक्ला ने कहा, "हम बहुत खुश हैं। हम भगवान का धन्यवाद करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि यह मिशन सफल हो।"

शुभांशु की बहन शुचि मिश्रा ने कहा, "शायद सिर्फ आंसू ही उस पल को बयां कर सकते हैं। मैं बस यही चाहती हूं कि सब कुछ ठीक हो और वह सुरक्षित लौट आएं।" परिवार की एक अन्य महिला ने कहा, "मैं बहुत खुश हूं और हम नाच रहे हैं।"

शुभांशु शुक्ला की यह उड़ान राकेश शर्मा के बाद ४१ वर्षों में भारत की अंतरिक्ष में वापसी का प्रतीक है। पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा ने १९८४ में सोवियत संघ के अंतरिक्ष यान में उड़ान भरी थी।

Point of View

हम शुभांशु शुक्ला की इस उपलब्धि को न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि मानते हैं, बल्कि यह भारत की विज्ञान और तकनीकी प्रगति का भी प्रतीक है। इस मिशन ने हमें एकजुट किया है और हमें गर्व महसूस कराता है।
NationPress
25/06/2025

Frequently Asked Questions

शुभांशु शुक्ला कौन हैं?
शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन हैं और हाल ही में उन्होंने एक्सिओम-4 मिशन के तहत अंतरिक्ष यात्रा की।
एक्सिओम-4 मिशन क्या है?
एक्सिओम-4 मिशन नासा द्वारा आयोजित एक अंतरिक्ष मिशन है जिसमें शुभांशु शुक्ला ने भाग लिया।
शुभांशु के परिवार की प्रतिक्रिया क्या थी?
उनके परिवार ने इस उपलब्धि पर गर्व महसूस किया और शुभांशु की मां भावुक हो गईं।
राकेश शर्मा का क्या संबंध है?
राकेश शर्मा पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री थे जिन्होंने 1984 में सोवियत संघ के अंतरिक्ष यान में उड़ान भरी थी।
यह मिशन भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
यह मिशन भारत की तकनीकी और वैज्ञानिक प्रगति का प्रतीक है और देशवासियों को गर्व का अनुभव कराता है।