क्या शुभेंदु अधिकारी ने बंगाल पुलिस पर आरएसएस की रैली में बाधा डालने का आरोप लगाया?

सारांश
Key Takeaways
- शुभेंदु अधिकारी ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि उन्होंने आरएसएस की रैली में बाधा डाली।
- पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाना लोकतंत्र के लिए आवश्यक है।
- पश्चिम बंगाल में हिंदू सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर रोक लगाई जा रही है।
कोलकाता, 21 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने रविवार को पश्चिम बंगाल पुलिस पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की राष्ट्रीय सेवा के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित शांतिपूर्ण रैली में अनावश्यक रूप से बाधा डालने का आरोप लगाया।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा, "मैं महेशतला में हो रहे अत्याचार से बेहद निराश हूं। ममता पुलिस, तृणमूल कांग्रेस शासन की कठपुतली बनकर, आरएसएस द्वारा आयोजित शांतिपूर्ण पथ संचलन में बेशर्मी से बाधा डाल रही है।"
उनका कहना है कि पुलिस की यह कार्रवाई केवल एक देशभक्त संगठन पर हमला नहीं है, बल्कि यह हमारे लोकतांत्रिक अधिकारों और सभा करने की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है।
उन्होंने आगे कहा कि ममता बनर्जी के शासन में, पश्चिम बंगाल उत्पीड़न का केंद्र बन गया है, जहां हिंदू सांस्कृतिक कार्यक्रमों का गला घोंटा जा रहा है, राष्ट्रवादी संगठनों को बाधित किया जा रहा है और गुंडे खुलेआम घूम रहे हैं।
अधिकारी ने कहा, "पुलिस कानून-व्यवस्था बनाए रखने के बजाय, राष्ट्रवाद और एकता की आवाज को दबाने में लगी हुई है। शर्म आनी चाहिए ममता पुलिस।"
इस मामले में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस या पुलिस प्रशासन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
रविवार को पश्चिम बंगाल में ईडब्ल्यूआरएसएस का कार्यक्रम इस बार कुछ अलग था।
देश के अन्य राज्यों में, आरएसएस की शताब्दी के उपलक्ष्य में सबसे महत्वपूर्ण सभा विजयादशमी के दिन होगी, जबकि पश्चिम बंगाल में यह सभा महालया के दिन आयोजित की गई थी।
आरएसएस के प्रचार प्रभारी बिप्लब रॉय ने कहा, "हमने महालया के अवसर पर पूरे पश्चिम बंगाल में लगभग एक हजार सभाओं का आयोजन किया था। इनमें से लगभग तीन सौ दक्षिण बंगाल में थीं, और शेष मध्य एवं उत्तर बंगाल में। कार्यक्रमों की तस्वीरें और वीडियो हमारे पास आए हैं।"