क्या शुक्रवार व्रत से सुख-शांति और वैवाहिक जीवन में मधुरता संभव है?

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क्या शुक्रवार व्रत से सुख-शांति और वैवाहिक जीवन में मधुरता संभव है?

सारांश

शुक्रवार का व्रत रखने से मिलती है सुख-समृद्धि और वैवाहिक जीवन में मधुरता। जानें इस व्रत के महत्व और पूजा की विधि।

Key Takeaways

  • शुक्रवार व्रत से सुख और समृद्धि बढ़ती है।
  • पूजा विधि का पालन करें।
  • माता लक्ष्मी की आराधना करें।
  • मंत्रों का जप करें।
  • गरीबों को दान देने का महत्व।

नई दिल्ली, 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि शुक्रवार को सुबह 10 बजकर 3 मिनट तक रहेगी। इसके बाद दशमी तिथि प्रारंभ होगी। इस दिन सूर्य तुला राशि में और चंद्रमा मकर राशि में सुबह 6 बजकर 48 मिनट तक रहेगा, इसके बाद कुंभ राशि में गोचर करेगा।

द्रिक पंचांग के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 42 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगा, जबकि राहुकाल का समय सुबह 10 बजकर 41 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 4 मिनट तक रहेगा। इस तिथि पर कोई विशेष त्योहार नहीं है, लेकिन वार के अनुसार आप शुक्रवार का व्रत रख सकते हैं।

ब्रह्मवैवर्त पुराण और मत्स्य पुराण में शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी, संतोषी और शुक्र ग्रह की पूजा करने के लिए निर्देशित किया गया है। मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से पूजा और व्रत करने से सुख, समृद्धि, धन-धान्य और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।

इस दिन विधि-विधान से पूजा करने पर सभी कष्ट दूर होते हैं और माता रानी भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं। ज्योतिष शास्त्र में यह व्रत शुक्र ग्रह को मजबूत करने और उससे जुड़े दोषों को दूर करने के लिए भी किया जाता है।

यदि कोई जातक व्रत प्रारंभ करना चाहता है, तो वह किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के पहले शुक्रवार से शुरू कर सकता है। आमतौर पर 16 शुक्रवार तक व्रत रखने के बाद उद्यापन किया जाता है।

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। पूजा स्थल पर गंगाजल छिड़कें। लाल कपड़े पर माता लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। दीप जलाएं और फूल, चंदन, अक्षत, कुमकुम और मिठाई का भोग लगाएं। ‘श्री सूक्त’ और ‘कनकधारा स्तोत्र’ का पाठ करें। मंत्र जप करें, 'ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः' और 'विष्णुप्रियाय नमः' का जप भी लाभकारी है।

पूजा के अंत में कमल पुष्प अर्पित करें, लक्ष्मी चालीसा पढ़ें। प्रसाद में खीर, मिश्री और बर्फी बांटें। इस दिन गरीबों को भोजन, वस्त्र या धन दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।

Point of View

बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करता है।
NationPress
30/10/2025

Frequently Asked Questions

शुक्रवार व्रत का महत्व क्या है?
शुक्रवार व्रत का महत्व सुख, समृद्धि और वैवाहिक जीवन में शांति को बनाए रखने में है।
इस व्रत को कैसे किया जाता है?
इस व्रत को विधि-विधान से पूजा करके और खास मंत्रों का जाप करके किया जाता है।
क्या किसी भी महीने में शुक्रवार व्रत रखा जा सकता है?
हाँ, किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के पहले शुक्रवार से व्रत रखा जा सकता है।
क्या व्रत करने से कोई विशेष लाभ होता है?
व्रत करने से सभी कष्ट दूर होते हैं और मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।
क्या इस दिन दान करना चाहिए?
हाँ, इस दिन गरीबों को भोजन, वस्त्र या धन दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।