क्या सिक्किम में 'ग्रीन वॉक' पहल से पर्यावरण संरक्षण में बदलाव आएगा?

सारांश
Key Takeaways
- पर्यावरण संरक्षण में जागरूकता बढ़ी है।
- सरकारी अधिकारियों की भागीदारी बढ़ी है।
- वाहनों का उपयोग कम हुआ है।
- स्वास्थ्य में सुधार के लिए प्रेरणा।
- सकारात्मक बदलाव की उम्मीद।
गंगटोक, ११ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। सिक्किम में चल रहे 'पर्यावरण पर्व' के अंर्तगत 'ग्रीन वॉक' पहल ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। इस अनूठी मुहिम के तहत सरकारी अधिकारी और आम नागरिकों ने अपने कार्यस्थल तक पैदल जाने का निर्णय लिया है, जिससे वाहनों का उपयोग कम किया जा सके। हर साल १ से १४ जुलाई तक मनाए जाने वाले इस अभियान की शुरुआत मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने दो साल पहले की थी।
इस वर्ष वन मंत्री पिंटसो नामग्याल लेप्चा सहित कई अधिकारियों ने अपने दफ्तर तक पैदल चलने का विकल्प चुना। वन मंत्री लेपचा ने बताया, "मुख्यमंत्री ने प्रकृति को एक उत्सव के रूप में मनाने का सपना देखा था, जो सिक्किम पर्यावरण पर्व के रूप में विकसित हुआ। ग्रीन वॉक इसकी सबसे प्रभावी पहल है। यह एक छोटा कदम है, परंतु यह उत्सर्जन कम करने, ईंधन बचाने और व्यक्तिगत स्वास्थ्य को सुधारने में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है।"
इस वर्ष गंगटोक के एमजी मार्ग, स्यारी और ताडोंग जैसे क्षेत्रों से कई अधिकारी २०-२५ मिनट पैदल चलकर अपने दफ्तर पहुंचे।
वन विभाग के सलाहकार तेन्जिन लामथा ने कहा, "यह केवल एक प्रतीकात्मक कदम नहीं है, बल्कि कार्बन फुटप्रिंट कम करने की दिशा में एक सामूहिक प्रयास है। वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर कॉलेज के छात्रों तक की भागीदारी सिक्किम की टिकाऊ जीवनशैली के प्रति गंभीरता को दर्शाती है।"
सिक्किम में प्रतिदिन ३००-४०० नए वाहनों का पंजीकरण हो रहा है, जिससे यह पहल और भी महत्वपूर्ण बन जाती है। वन सचिव प्रदीप कुमार (आईएफएस) ने कहा, "यदि आपका दफ्तर पैदल दूरी पर है, तो महीने में एक बार पैदल चलने का विकल्प चुनें। यह छोटा बदलाव जब कई लोग अपनाते हैं, तो इसका बड़ा असर हो सकता है।"
पिछले वर्ष ग्रीन वॉक के दौरान एक दिन में ५००-६०० लीटर पेट्रोल की बचत हुई थी। लामथा ने बताया कि यह पहल सिक्किम की व्यापक पर्यावरण नीतियों का हिस्सा है, जैसे हर नवजात के लिए १०८ पेड़ लगाने की नीति। यह संख्या वैज्ञानिक रूप से तय की गई है, क्योंकि इतने पेड़ एक व्यक्ति के सालाना २.४ टन कार्बन फुटप्रिंट को संतुलित करने के लिए २.७ टन कार्बन डाइऑक्साइड अवशोषित कर सकते हैं।
यह सिक्किम की प्रकृति के प्रति श्रद्धा और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को दर्शाता है। 'मदर अर्थ डे' जैसे अन्य अभियान भी इस दिशा में महत्वपूर्ण हैं।