क्या सोलन के प्राइमरी गर्ल्स स्कूल में जगह और सुविधाओं की कमी है?

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क्या सोलन के प्राइमरी गर्ल्स स्कूल में जगह और सुविधाओं की कमी है?

सारांश

क्या सोलन के प्राइमरी गर्ल्स स्कूल में छात्राओं की संख्या के बावजूद जगह और सुविधाओं की कमी है? शिक्षा उपनिदेशक डॉ. मोहिंदर चंद ने स्कूल की स्थिति पर प्रकाश डाला है। जानें क्या कदम उठाए जा रहे हैं।

Key Takeaways

  • राजकीय प्राइमरी गर्ल्स स्कूल में 400-450 लड़कियां पढ़ाई कर रही हैं।
  • शिक्षकों की संख्या पर्याप्त है।
  • स्कूल की जगह की कमी एक बड़ी समस्या है।
  • शौचालयों का रखरखाव ठीक है।
  • अभिभावकों को शिकायतें दर्ज करने का अधिकार है।

सोलन, 4 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। हिमाचल प्रदेश के सोलन शहर के केंद्र में स्थित राजकीय प्राइमरी गर्ल्स स्कूल में छात्राओं की संख्या देखकर हर किसी को खुशी हो रही है, लेकिन स्कूल की भवन संरचना और सुविधाओं की कमी एक गंभीर चिंता का विषय बनी हुई है। इस संबंध में प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक डॉ. मोहिंदर चंद ने विस्तृत जानकारी साझा की।

डॉ. चंद ने कहा कि यह स्कूल सोलन का सबसे पुराना और प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान है, जहां प्री-प्राइमरी से लेकर पांचवीं कक्षा तक की पढ़ाई होती है। इसके साथ ही एलिमेंट्री विंग में भी कक्षाएं संचालित हो रही हैं। वर्तमान में स्कूल में लगभग 400 से 450 लड़कियां पढ़ती हैं। इन बच्चों को पढ़ाने के लिए 12 जेबीटी शिक्षक नियुक्त किए गए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि नामांकन के अनुसार शिक्षकों की संख्या पूरी तरह से पर्याप्त है और शिक्षा में कोई बाधा नहीं आ रही है।

उपनिदेशक ने बताया कि उन्होंने पिछले कुछ महीनों में स्कूल का दौरा किया है। हाल ही में हिमाचल सरकार के हेल्पलाइन नंबर 1100 पर इस स्कूल से संबंधित एक शिकायत दर्ज की गई थी। शिकायत का तुरंत संज्ञान लेते हुए उन्होंने उप शिक्षा अधिकारी को मौके पर भेजा, जहां अधिकारी ने कई समस्याओं का त्वरित निपटारा किया।

स्कूल की सबसे बड़ी समस्या जगह की कमी बताई जा रही है। डॉ. चंद ने कहा कि स्कूल शहर के मध्य स्थित होने के कारण चारों ओर इमारतें बन चुकी हैं, जिससे विस्तार की कोई संभावना नहीं है। नए भवन या खेल के मैदान के निर्माण की कोई गुंजाइश नहीं है। शौचालयों की स्थिति पर भी सवाल उठते रहे हैं। हालांकि, उपनिदेशक ने कहा कि मौजूदा शौचालयों का रखरखाव सही है और उनका उपयोग भी उचित तरीके से हो रहा है। यदि किसी भी बच्चे या अभिभावक को परेशानी होती है, तो वे पुनः स्कूल में आकर समस्याओं का समाधान करवाने का आश्वासन दिया।

डॉ. मोहिंदर चंद ने अभिभावकों से अपील की कि वे बेझिझक अपनी शिकायतें शिक्षा विभाग तक पहुंचाएं। उनका विभाग बच्चों की बेहतर शिक्षा और सुरक्षित वातावरण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि भविष्य में बजट और जगह की संभावनाओं के अनुसार, स्कूल की सुविधाओं को और बेहतर बनाने का प्रयास किया जाएगा।

Point of View

ताकि बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके।
NationPress
10/12/2025

Frequently Asked Questions

स्कूल में कितनी छात्राएं पढ़ती हैं?
स्कूल में लगभग 400 से 450 लड़कियां पढ़ती हैं।
क्या स्कूल में शिक्षकों की संख्या पर्याप्त है?
हां, शिक्षकों की संख्या नामांकन के अनुसार पूरी तरह से पर्याप्त है।
क्या स्कूल में जगह की कमी है?
जी हां, स्कूल के चारों ओर भवन बन जाने के कारण विस्तार की कोई गुंजाइश नहीं है।
क्या शौचालयों की स्थिति ठीक है?
उपनिदेशक ने कहा कि मौजूदा शौचालयों का रखरखाव सही है।
क्या अभिभावक शिकायतें कर सकते हैं?
बिलकुल, अभिभावक बेझिझक अपनी शिकायतें शिक्षा विभाग तक पहुंचा सकते हैं।
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