क्या तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन का जर्मनी दौरा निवेश और सहयोग को बढ़ावा देगा?

सारांश
Key Takeaways
- मुख्यमंत्री स्टालिन का जर्मनी दौरा निवेश और द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए है।
- स्टालिन ने द्रविड़ियन मॉडल के तहत प्रगति का उल्लेख किया।
- एनआरडब्ल्यू की कंपनियों को तमिलनाडु में निवेश के अवसरों की तलाश करने के लिए आमंत्रित किया गया।
- स्टालिन का यह पांचवां विदेश दौरा है।
- यह दौरा दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को मजबूत करने का प्रयास है।
चेन्नई, 2 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन वर्तमान में जर्मनी के दौरे पर हैं, जहाँ वे निवेश और द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने में लगे हुए हैं।
अपने जर्मनी दौरे के दौरान, स्टालिन ने मंगलवार को डसेलडोर्फ में नॉर्थ राइन-वेस्टफेलिया (एनआरडब्ल्यू) के मंत्री-अध्यक्ष हेंड्रिक व्यूस्ट से मुलाकात की। स्टालिन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर इस मुलाकात की तस्वीर साझा की। उन्होंने लिखा, "तमिलनाडु और एनआरडब्ल्यू क्रमशः भारत और जर्मनी की औद्योगिक और आर्थिक महाशक्तियां हैं। दोनों विश्वास और आशावाद के साथ एकजुट हुए हैं।"
स्टालिन ने व्यूस्ट की कम उम्र में नेतृत्व के लिए प्रशंसा की और उन्हें भविष्य में और ऊंचाइयों तक पहुंचने की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने लिखा, "व्यूस्ट एक ऐसे नेता हैं, जिन्होंने इतनी कम उम्र में उच्च पद ग्रहण किया है। मैं उन्हें आने वाले वर्षों में और भी ऊंचाइयों तक पहुंचते हुए देखना चाहता हूं।"
स्टालिन ने द्रविड़ियन मॉडल के तहत तमिलनाडु की प्रगति का उल्लेख किया और एनआरडब्ल्यू की कंपनियों को तमिलनाडु में निवेश के अवसर खोजने का आमंत्रण दिया। उन्होंने व्यूस्ट को भी तमिलनाडु आने का निमंत्रण दिया।
स्टालिन ने लिखा, "भारत की औद्योगिक महाशक्ति तमिलनाडु और जर्मनी की आर्थिक महाशक्ति नॉर्थ राइन-वेस्टफेलिया विश्वास और आशावाद की भावना के साथ एक साथ आए। मैंने द्रविड़ियन मॉडल के तहत तमिलनाडु के उल्लेखनीय विकास का विवरण दिया, और एनआरडब्ल्यू की महान कंपनियों के लिए हमारे राज्य में अवसरों का पता लगाने की अपनी इच्छा व्यक्त की। मैंने उन्हें तमिलनाडु आने का हार्दिक निमंत्रण भी दिया।"
यह दौरा तमिलनाडु को वैश्विक निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। स्टालिन का यह प्रयास दोनों देशों के बीच आर्थिक और औद्योगिक सहयोग को मजबूत करने के लिए एक सकारात्मक संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
मुख्यमंत्री के पद संभालने के बाद स्टालिन का यह पांचवां विदेश दौरा है। इस बार वे दो देशों की यात्रा पर (पहले जर्मनी और फिर ब्रिटेन) हैं।