क्या सुप्रीम कोर्ट आज केरल में एसआईआर को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करेगा?

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क्या सुप्रीम कोर्ट आज केरल में एसआईआर को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करेगा?

सारांश

क्या सुप्रीम कोर्ट आज केरल में एसआईआर को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करेगा? जानिए इस महत्वपूर्ण सुनवाई का पूरा विवरण।

Key Takeaways

  • सुप्रीम कोर्ट में एसआईआर को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हो रही है।
  • एलएसजीआई चुनाव से पहले एसआईआर प्रक्रिया को टालने की मांग की गई है।
  • राज्य सरकार ने एसआईआर को टालने के लिए प्रशासनिक कारण बताए हैं।

नई दिल्ली, 21 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को केरल में होने वाले लोकल सेल्फ-गवर्नमेंट इंस्टीट्यूशन्स (एलएसजीआई) चुनाव से पहले वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) को टालने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करेगा।

बुधवार को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई की अगुवाई वाली बेंच ने याचिका को सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई, जब वकील ने कोर्ट को बताया कि एसआईआर प्रक्रिया अभी चल रही है, भले ही केरल में दिसंबर के दूसरे हफ्ते में लोकल बॉडी इलेक्शन होने वाले हैं।

केरल सरकार ने खुद सुप्रीम कोर्ट में एसआईआर की प्रक्रिया को टालने की मांग की है, क्योंकि पिछले हफ्ते हाई कोर्ट ने इस प्रक्रिया को टालने की मांग वाली उसकी रिट पिटीशन पर विचार करने से मना कर दिया था।

मैनपावर की भारी कमी का हवाला देते हुए राज्य सरकार ने तर्क दिया है कि एलएसजीआई चुनावों के साथ एसआईआर कराने से प्रशासनिक रुकावट पैदा हो जाएगी।

केरल सरकार ने याचिका में कहा है कि लोकल बॉडी इलेक्शन के लिए सरकार को 1 लाख 76 हजार से ज्यादा सरकारी और क्वासी-गवर्नमेंट कर्मचारियों और 68 हजार सिक्योरिटी स्टाफ चाहिए। पिटीशन में कहा गया है कि एसआईआर के तहत 25,668 और अधिकारियों की जरूरत है, जिनमें से कई ट्रेंड इलेक्शन स्टाफ के उसी लिमिटेड पूल से लिए गए हैं।

केरल पंचायत राज एक्ट, 1994 और केरल म्युनिसिपैलिटी एक्ट, 1994 के तहत कानूनी डेडलाइन का जिक्र करते हुए राज्य सरकार की अर्जी में कहा गया कि 21 दिसंबर से पहले एलएसजीआई चुनाव पूरे करना कानूनी तौर पर जरूरी है। साथ ही एसआईआर कराने से प्रशासन पर दबाव पड़ेगा और चुनाव आसानी से होने पर बुरा असर पड़ेगा।

इसने कहा कि लोकल बॉडी के चुनाव 21 दिसंबर तक जरूरी तौर पर पूरे हो जाने चाहिए, लेकिन इस स्टेज पर एसआईआर को पूरा करने की कोई तुरंत जरूरत नहीं है, खासकर तब जब असेंबली चुनाव मई 2026 तक ही होने हैं।

याचिका में कहा गया कि जब संवैधानिक चुनाव चल रहे हों, तो बेवजह जल्दबाजी करके वेरिफिकेशन की क्वालिटी को कमजोर करना वोट देने के डेमोक्रेटिक अधिकार के खिलाफ है।

केरल हाई कोर्ट के सामने, चुनाव आयोग ने कहा था कि एसआईआर एक देशव्यापी काम का हिस्सा है और आधे से ज्यादा प्रोसेस पहले ही पूरा हो चुका है। इसे बीच में रोकने से अगले चुनावी साइकिल की तैयारियों में रुकावट आएगी।

जस्टिस वीजी अरुण की सिंगल जज बेंच ने कहा था कि चूंकि बिहार, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में वोटर लिस्ट के एसआईआर को चुनौती देने वाली ऐसी ही याचिकाएं पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग हैं, इसलिए न्यायिक अनुशासन और विनम्रता के कारण केरल हाई कोर्ट को इस मामले पर फैसला करने से बचना चाहिए।

Point of View

जो कि केरल में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बनाए रखने का एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि चुनाव बिना किसी बाधा के संपन्न हों और एसआईआर प्रक्रिया का प्रभावी ढंग से प्रबंधन किया जाए।
NationPress
21/11/2025

Frequently Asked Questions

क्या एसआईआर चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करेगा?
हां, एसआईआर की प्रक्रिया चुनावों के लिए आवश्यक प्रशासनिक संसाधनों को प्रभावित कर सकती है।
क्या केरल सरकार ने एसआईआर को टालने की मांग की है?
जी हां, केरल सरकार ने एसआईआर को टालने की मांग की है।
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