क्या एयर इंडिया विमान हादसे में कैप्टन सुमित सभरवाल के पिता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने डीजीसीए को नोटिस जारी किया?
सारांश
Key Takeaways
- सुप्रीम कोर्ट ने एयर इंडिया विमान हादसे पर नोटिस जारी किया है।
- पायलट कैप्टन सुमित सभरवाल के पिता ने न्याय की मांग की है।
- हादसे की नई जांच की आवश्यकता पर बल दिया गया है।
- अदालत ने मामले की गंभीरता को समझा है।
- इससे संबंधित सभी तथ्यों को सामने लाने की आवश्यकता है।
नई दिल्ली, 7 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जून में हुए भीषण विमान हादसे को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से जवाब मांगा है। यह नोटिस दिवंगत पायलट कैप्टन सुमित सभरवाल के पिता पुष्करराज सभरवाल की याचिका पर शुक्रवार को जारी किया गया।
याचिकाकर्ता ने मांग की है कि इस हादसे की निष्पक्ष, पारदर्शी और नई जांच किसी रिटायर्ड जज की निगरानी में की जाए।
याचिका में उल्लेख किया गया है कि एयर इंडिया के इस विमान हादसे की प्रारंभिक जांच निष्पक्ष नहीं थी। तकनीकी खामियों और संभावित यांत्रिक खराबियों को अनदेखा करते हुए सभी दोष पायलटों पर मढ़ने का प्रयास किया गया है, जबकि वे अब अपना बचाव भी नहीं कर सकते।
पिता का कहना है कि हादसे का असली कारण इलेक्ट्रिकल या डिजिटल खराबी था, लेकिन अधिकारियों ने इसे उनके बेटे की आत्महत्या या लापरवाही के रूप में पेश करने की कोशिश की।
सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि यह हादसा अत्यंत दुखद है और अदालत इस मामले की गंभीरता को समझती है। उन्होंने मृतक पायलट के पिता से कहा कि उन्हें यह बोझ नहीं उठाना चाहिए कि उनके बेटे को दोषी ठहराया जा रहा है।
अदालत ने कहा कि इस हादसे की पूरी सच्चाई सामने आनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को नोटिस जारी कर 10 नवंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
गौरतलब है कि 12 जून को एयर इंडिया की फ्लाइट एआई-171 अहमदाबाद से लंदन के लिए रवाना हुई, लेकिन उड़ान भरने के तुरंत बाद क्रैश हो गई थी। विमान का मलबा एक मेडिकल कॉलेज की इमारत पर गिरा, जिससे वहां भी काफी नुकसान हुआ। इस विमान हादसे में 250 से अधिक लोगों की जान चली गई थी, जिसमें यात्री, केबिन क्रू और कई अन्य लोग शामिल थे।