क्या टेबल टेनिस ओलंपिक में छा गया है? जानिए एक समय यह शैंपेन के कॉर्क से खेला जाता था

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क्या टेबल टेनिस ओलंपिक में छा गया है? जानिए एक समय यह शैंपेन के कॉर्क से खेला जाता था

सारांश

क्या आप जानते हैं कि टेबल टेनिस का खेल कभी शैंपेन के कॉर्क से खेला जाता था? अब यह ओलंपिक में भी शामिल हो चुका है और भारत के खिलाड़ी भी इस खेल में चमक रहे हैं। जानें इसकी रोचक कहानी और खिलाड़ियों की उपलब्धियों के बारे में।

Key Takeaways

  • टेबल टेनिस एक तेज और तकनीकी खेल है।
  • इस खेल की शुरुआत शैंपेन के कॉर्क से हुई थी।
  • भारत के खिलाड़ी इस खेल में तेजी से उभर रहे हैं।
  • टेबल टेनिस ओलंपिक में 1988 में शामिल हुआ।
  • खेल के नियम समय के अनुसार बदल सकते हैं।

नई दिल्ली, 7 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। टेबल टेनिस एक तेज, ध्यान केंद्रित और सटीकता पर आधारित इनडोर खेल है। क्या आप जानते हैं कि एक समय ऐसा था जब इसे शैंपेन के कॉर्क से खेला जाता था? यह खेल उच्च वर्ग के लोगों के लिए 'लॉन टेनिस' के विकल्प के रूप में प्रारंभ हुआ था।

साल 1880 में इंग्लैंड में इस खेल का आगाज़ हुआ, और इसे आमतौर पर भोजन के बाद मनोरंजन के रूप में खेला जाता था। उस समय न तो सही टेबल होती थी और न ही रैकेट।

हालांकि आज टेबल टेनिस सभी आवश्यक उपकरणों के साथ खेला जाता है, लेकिन प्रारंभिक दौर में इसे घर में उपलब्ध वस्तुओं के माध्यम से खेला जाता था।

किताबों को एक पंक्ति में खड़ा किया जाता था, जो नेट का काम करती थीं। शैंपेन के कॉर्क का ऊपरी गोल हिस्सा गेंद के रूप में कार्य करता था, जबकि सिगार बॉक्स के ढक्कन को रैकेट के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। समय के साथ, इसके उपकरणों में भी बदलाव आए।

साल 1926 में बर्लिन और लंदन में कुछ महत्वपूर्ण बैठकों का आयोजन हुआ, जिसके परिणामस्वरूप इंटरनेशनल टेबल टेनिस फेडरेशन का गठन हुआ। इसी साल लंदन में पहली विश्व चैंपियनशिप भी आयोजित की गई, लेकिन इस खेल को ओलंपिक में शामिल होने में 62 साल लग गए।

1950 के दशक में, टेबल टेनिस एशियाई देशों में एक प्रमुख खेल बन गया था। 1954 से 1959 के बीच, जापान ने विश्व टीम चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन किया। 60 के दशक में, चीन का इस खेल में प्रभुत्व बढ़ने लगा। अंततः, 1988 में सोल ओलंपिक में पहली बार टेबल टेनिस को शामिल किया गया।

टेबल टेनिस के प्रत्येक मैच में, जो खिलाड़ी पहले 11 अंक प्राप्त करता है और उसके पास 2 अंक का अंतर होता है, वह विजेता होता है। खेल तब तक जारी रहता है जब तक किसी एक खिलाड़ी के पास 2 अंक की बढ़त न हो।

टेबल टेनिस के नियम हर टूर्नामेंट के अनुसार भिन्न हो सकते हैं। प्रतियोगिता के आधार पर स्कोरिंग नियमों में भी बदलाव संभव है। हालांकि, आमतौर पर खिलाड़ियों के बीच 'बेस्ट ऑफ फाइव' या 'बेस्ट ऑफ सेवन' खेला जाता है।

एक समय था जब टेबल टेनिस में चीन का वर्चस्व था, लेकिन आज भारत भी इस खेल में तेजी से उभर रहा है। अचंता शरत कमल, मनिका बत्रा, श्रीजा अकुला और हरमीत देसाई जैसे खिलाड़ियों ने भारत का मान बढ़ाया है।

भारतीय खिलाड़ियों ने ओलंपिक, कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स में अद्वितीय प्रदर्शन किया है। अब भारत इस खेल में एशिया और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी देशों में स्थान प्राप्त कर चुका है।

Point of View

बल्कि भारतीय खिलाड़ियों ने इसे ओलंपिक जैसे बड़े मंच पर भी साबित किया है। देश में इस खेल को बढ़ावा देने की आवश्यकता है ताकि हम और अधिक प्रतिभाओं को प्रोत्साहित कर सकें।
NationPress
07/11/2025

Frequently Asked Questions

टेबल टेनिस का इतिहास क्या है?
टेबल टेनिस का इतिहास 1880 में इंग्लैंड से शुरू होता है, जहाँ इसे शैंपेन के कॉर्क से खेला जाता था।
टेबल टेनिस ओलंपिक में कब शामिल हुआ?
टेबल टेनिस को 1988 के सोल ओलंपिक में पहली बार शामिल किया गया।
भारत में टेबल टेनिस के कौन से प्रमुख खिलाड़ी हैं?
भारत के प्रमुख खिलाड़ियों में अचंता शरत कमल, मनिका बत्रा, और श्रीजा अकुला शामिल हैं।
टेबल टेनिस के नियम क्या हैं?
टेबल टेनिस में प्रत्येक गेम में 11 अंक हासिल करने वाला खिलाड़ी विजेता होता है, जब तक कि उसके पास 2 अंक का अंतर न हो।
टेबल टेनिस के लिए आवश्यक उपकरण क्या हैं?
टेबल टेनिस के लिए रैकेट, गेंद, और टेबल की आवश्यकता होती है।