क्या सूरजपुर वेटलैंड इको-टूरिज्म का एक आदर्श मॉडल बनेगा?

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क्या सूरजपुर वेटलैंड इको-टूरिज्म का एक आदर्श मॉडल बनेगा?

सारांश

गौतमबुद्ध नगर की जिलाधिकारी मेधा रूपम ने सूरजपुर वेटलैंड का निरीक्षण किया और प्रवासी पक्षियों के संरक्षण पर ध्यान केंद्रित किया। पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए वेटलैंड के रखरखाव की आवश्यकता पर जोर दिया गया।

Key Takeaways

  • सूरजपुर वेटलैंड का संरक्षण आवश्यक है।
  • प्रवासी पक्षियों के लिए यह महत्वपूर्ण आवास स्थल है।
  • इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए जनजागरूकता बढ़ानी होगी।
  • वेटलैंड क्षेत्र में वृक्षारोपण और अपशिष्ट प्रबंधन को मजबूत किया जाएगा।
  • स्थानीय समुदायों को आर्थिक लाभ मिलेगा।

ग्रेटर नोएडा, २४ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। गौतमबुद्ध नगर की जिलाधिकारी मेधा रूपम ने शुक्रवार को जिले के प्रसिद्ध सूरजपुर वेटलैंड का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने सर्दियों के मौसम में यहां पहुंचने वाले प्रवासी पक्षियों का अवलोकन किया और वेटलैंड में जैव विविधता (बायोडायवर्सिटी) के संरक्षण के लिए चल रहे कार्यों की विस्तार से समीक्षा की।

जिलाधिकारी ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिए कि सूरजपुर वेटलैंड जिले की एक अमूल्य पर्यावरणीय धरोहर है, इसलिए इसके संरक्षण, स्वच्छता और सौंदर्यकरण के कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि वेटलैंड न केवल पक्षियों और अन्य जीव-जंतुओं के लिए एक सुरक्षित आवास स्थल है, बल्कि यह पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाता है। ऐसे में इसके रखरखाव में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

मेधा रूपम ने अधिकारियों से यह भी कहा कि वेटलैंड में आने वाले पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों के लिए सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने सुझाव दिया कि यहां जनजागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए ताकि अधिक से अधिक लोग पर्यावरण संरक्षण के महत्व को समझें और इसमें सक्रिय भूमिका निभाएं।

उन्होंने कहा कि उद्देश्य सूरजपुर वेटलैंड को पारिस्थितिकी पर्यटन (इको-टूरिज्म) के एक मॉडल के रूप में विकसित करना है, जिससे जिले की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर एक हरित पर्यटन स्थल के रूप में बने। निरीक्षण के दौरान प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) रजनीकांत मित्तल सहित वन विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

अधिकारियों ने जिलाधिकारी को प्रवासी पक्षियों के संरक्षण, वेटलैंड के रखरखाव तथा सौंदर्यकरण कार्यों की वर्तमान स्थिति की जानकारी दी। इसके साथ ही उन्होंने भविष्य की कार्ययोजना भी प्रस्तुत की। बताया गया कि विभाग द्वारा वेटलैंड क्षेत्र में नए वृक्षारोपण, पक्षी अवलोकन टावरों के निर्माण और अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली को और मजबूत करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।

Point of View

बल्कि यह एक स्थायी इको-टूरिज्म मॉडल के रूप में कार्य कर सकता है। यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देती है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाती है। ऐसे प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
NationPress
25/10/2025

Frequently Asked Questions

सूरजपुर वेटलैंड का महत्व क्या है?
यह वेटलैंड प्रवासी पक्षियों के लिए एक सुरक्षित आवास स्थल है और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।
इको-टूरिज्म का क्या लाभ है?
इको-टूरिज्म से स्थानीय समुदायों को आर्थिक लाभ होता है और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलता है।
जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान क्या निर्देश दिए?
उन्होंने वेटलैंड के संरक्षण, स्वच्छता और सौंदर्यकरण को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए।