क्या सुषमा स्वराज भारतीय राजनीति की प्रखर आवाज थीं?

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क्या सुषमा स्वराज भारतीय राजनीति की प्रखर आवाज थीं?

सारांश

सुषमा स्वराज, भारतीय राजनीति की एक अद्वितीय शख्सियत, ने अपनी कूटनीतिक कुशलता और जनसेवा के प्रति समर्पण से देश-विदेश में महत्वपूर्ण स्थान बनाया। जानिए उनके प्रेरणादायक सफर के बारे में।

Key Takeaways

  • सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 को हुआ था।
  • उन्होंने राजनीति में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं।
  • उनका कार्यकाल विदेश मंत्री के रूप में महत्वपूर्ण था।
  • उन्होंने भारत के विभिन्न देशों के साथ कूटनीतिक संबंधों को मजबूत किया।
  • उनका निधन 6 अगस्त 2019 को हुआ।

नई दिल्ली, 6 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। सुषमा स्वराज भारतीय राजनीति की एक अद्वितीय शख्सियत थीं, जिन्होंने अपनी प्रखर भाषण कला, कूटनीतिक सूझबूझ और जनसेवा के प्रति अटूट समर्पण से ना केवल देश में बल्कि विदेशों में भी अमिट छाप छोड़ी।

14 फरवरी 1952 को हरियाणा के अंबाला में जन्मी सुषमा स्वराज ने अपने चार दशक लंबे राजनीतिक करियर में कई ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल कीं। वह सिर्फ भारत की पहली पूर्णकालिक महिला विदेश मंत्री ही नहीं थीं, बल्कि दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री और हरियाणा की सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री भी रहीं।

सुषमा स्वराज ने 1970 के दशक में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के माध्यम से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की। 1977 में, मात्र 25 वर्ष की आयु में हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री बनीं, जिसने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई।

1980 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के बाद, उन्होंने राम मंदिर आंदोलन में उमा भारती के साथ मिलकर पार्टी में महिला शक्ति का प्रतीक बनकर उभरीं। 1998 में, वह दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं, हालांकि उनका कार्यकाल केवल 52 दिन का रहा। उनके छोटे कार्यकाल के दौरान प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर उन्हें काफी आलोचना का सामना करना पड़ा।

1990 में, सुषमा स्वराज को राज्यसभा का सदस्य चुना गया। इसके बाद, 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में 13 दिन की भाजपा सरकार के दौरान उन्हें सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनाया गया।

2014 से 2019 तक मोदी सरकार में विदेश मंत्री के रूप में, सुषमा स्वराज ने भारतीय कूटनीति को एक नई दिशा दी। उन्होंने विदेश नीति को जन-केंद्रित बना दिया। सोशल मीडिया के माध्यम से, उन्होंने विदेश में फंसे लोगों की मदद की। चाहे विदेश में फंसे भारतीयों को निकालने का मुद्दा हो या मेडिकल वीजा दिलाने का, उन्होंने हमेशा आगे बढ़कर लोगों की सहायता की।

सुषमा स्वराज वह विदेश मंत्री थीं, जिन्होंने मंत्रालय की सूरत को पूरी तरह बदलकर रख दिया। उनके कार्यकाल में यह आम भारतीय का विभाग कहलाने लगा। उनके विदेश मंत्री रहने के दौरान, भारत के कई देशों के साथ राजनीतिक और कूटनीतिक संबंध बेहतर हुए।

सुषमा स्वराज की संयुक्त राष्ट्र महासभा में दी गई स्पीच उनकी कूटनीतिक कुशलता का प्रमाण थी। 2016 और 2017 में, उन्होंने पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर कड़े शब्दों में जवाब दिया, जिसने वैश्विक मंच पर भारत का पक्ष मजबूती से रखा।

स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों के कारण 6 अगस्त 2019 को सुषमा स्वराज का निधन हो गया।

Point of View

मुझे यह कहना है कि सुषमा स्वराज ने भारतीय राजनीति में एक विशेष स्थान बनाया। उनका योगदान सिर्फ राजनीति तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उन्होंने भारतीय समाज में महिलाओं की भूमिका को भी सशक्त किया। उनके कार्य और विचार हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं।
NationPress
05/08/2025

Frequently Asked Questions

सुषमा स्वराज का जन्म कब हुआ था?
सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 को हरियाणा के अंबाला में हुआ था।
सुषमा स्वराज ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कब की?
उन्होंने 1970 के दशक में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की।
सुषमा स्वराज कौन-कौन सी महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभा चुकी हैं?
वे भारत की पहली पूर्णकालिक महिला विदेश मंत्री, दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री और हरियाणा की सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री रहीं।
सुषमा स्वराज का निधन कब हुआ?
स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों के कारण उनका निधन 6 अगस्त 2019 को हुआ।
उन्होंने विदेश नीति को कैसे प्रभावित किया?
सुषमा स्वराज ने विदेश नीति को जन-केंद्रित बनाया और सोशल मीडिया के माध्यम से विदेश में फंसे लोगों की मदद की।