क्या स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल होना पंचायत प्रतिनिधियों के लिए सपना साकार करने जैसा है?

सारांश
Key Takeaways
- पंचायत प्रतिनिधियों का विकास में योगदान महत्वपूर्ण है।
- प्रधानमंत्री मोदी का ग्रामीण विकास के प्रति समर्पण।
- स्थानीय नेतृत्व की भूमिका को समझना आवश्यक है।
- सरकार की योजनाओं का लाभ आम जनता तक पहुंचाना।
- आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार करने की दिशा में कदम।
नई दिल्ली, 14 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। पंचायत प्रतिनिधियों ने लाल किले में आयोजित 79वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेने के अपने अनुभव साझा किए। 15 अगस्त को होने वाले इस आयोजन में देश के विभिन्न भागों से पंचायत प्रतिनिधि विशेष अतिथि के रूप में शामिल होंगे।
कर्नाटक से आईं उषा ने बताया कि वह दक्षिण कन्नड़ के उजरे ग्राम पंचायत की प्रतिनिधि हैं। उन्होंने कहा, "79वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में आना हमारे लिए एक सपना था, जो आज साकार हुआ है। हमारे गांव में विकास के कई कार्य हुए हैं। हम आत्मनिर्भर भारत के सपने को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
बेलगाम जिले के नंदगढ़ के सरपंच यल्लप्पा एस. गुरव ने कहा, "मुझे पहले कभी स्वतंत्रता दिवस पर आमंत्रित नहीं किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझे आमंत्रित किया है, जिसके लिए मैं आभारी हूं।" उन्होंने केंद्र सरकार की योजनाओं को लागू करने में अपने योगदान की बात की।
असम के कामरूप जिले के धीरज महंत ने कहा, "मैं 15 अगस्त के अवसर पर यहां आकर बहुत खुश हूं। पीएम मोदी के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि हम भी गांव के विकास के लिए काम कर रहे हैं।"