क्या आत्मनिर्भर भारत के तहत टी-90 टैंक की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए एंटी-टैंक मिसाइलों की खरीद हो रही है?

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क्या आत्मनिर्भर भारत के तहत टी-90 टैंक की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए एंटी-टैंक मिसाइलों की खरीद हो रही है?

सारांश

क्या भारत आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को हासिल कर रहा है? हाल ही में, रक्षा मंत्रालय ने टी-90 टैंक के लिए एंटी-टैंक मिसाइलों की खरीद का अनुबंध किया है, जो भारतीय सेना की मारक क्षमता को और बढ़ाएगा। जानें इस महत्वपूर्ण सौदे के पीछे की बातें!

Key Takeaways

  • रक्षा मंत्रालय ने २,०९५.७० करोड़ रुपए का अनुबंध किया।
  • टी-90 टैंक के लिए आईएनवीएआर एंटी-टैंक मिसाइलें खरीदी जाएंगी।
  • यह सौदा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगा।
  • भारतीय सेना की फायरपावर में वृद्धि होगी।
  • डिफेंस पीएसयू की विशेषज्ञता का लाभ उठाया जाएगा।

नई दिल्ली, १३ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। रक्षा मंत्रालय ने भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) के साथ २,०९५.७० करोड़ रुपए की लागत से एक महत्वपूर्ण खरीद का अनुबंध किया है। इस सौदे के तहत आईएनवीएआर एंटी-टैंक मिसाइलों की खरीद के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

आईएनवीएआर एंटी-टैंक मिसाइलों की यह खरीद भारतीय सेना की आर्मर्ड रेजिमेंट्स के मुख्य युद्धक टैंक टी-90 की फायरपावर और मारक क्षमता को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाएगी। यह एक उन्नत लेजर-निर्देशित एंटी-टैंक मिसाइल प्रणाली है। इस एंटी-टैंक मिसाइल प्रणाली की अत्यधिक हिट प्रॉबेबिलिटी और सटीक लक्ष्यभेदन क्षमता है। इस अत्याधुनिक मिसाइल प्रणाली की तैनाती से भारतीय सेना की मेकेनाइज्ड ऑपरेशंस से जुड़ी युद्धक कार्रवाइयों में नई धार आएगी।

रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि एंटी-टैंक मिसाइल प्रणाली से दुश्मन के विरुद्ध संचालनिक बढ़त सुनिश्चित होगी। यह समझौता स्वदेशी खरीद श्रेणी के अंतर्गत किया गया है।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार यह पहल भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है। गुरुवार को यह अनुबंध रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह की उपस्थिति में साउथ ब्लॉक, नई दिल्ली में हुआ। यहां रक्षा मंत्रालयBharat Dynamics Limited के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह अनुबंध सरकार की उस प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करता है जिसके तहत डिफेंस पीएसयू की विशेषज्ञता का लाभ लिया जा सकेगा।

इससे घरेलू उद्योगों द्वारा विकसित श्रेष्ठ तकनीकों को प्रोत्साहित करते हुए, भारतीय सेना की संचालनिक आवश्यकताओं को पूरा किया जा रहा है। यह सौदा ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन को साकार करने की दिशा में रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी उत्पादन और नवाचार को नई गति प्रदान करेगा।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार देश के सभी १६ डिफेंस पीएसयू देश की आत्मनिर्भरता के मजबूत स्तंभ हैं। मंत्रालय के मुताबिक वर्ष २०२४-२५ में भारत ने १.५१ लाख करोड़ रुपए का रक्षा उत्पादन किया है। इसमें डिफेंस पीएसयूज का योगदान ७१.६ प्रतिशत रहा। रक्षा निर्यात ६,६९५ करोड़ रुपए तक पहुंचा, जो यह दर्शाता है कि ‘मेक इन इंडिया’ उत्पादों पर वैश्विक भरोसा बढ़ रहा है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंहऑपरेशन सिंदूर’ जैसी सैन्य कार्रवाइयों में स्वदेशी रक्षा प्रणालियों की भूमिका की सराहना कर चुके हैं। हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में निर्मित अत्याधुनिक ‘डीपीएसयू भवन’ का उद्घाटन किया था। इस दौरान उन्होंने रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।

Point of View

बल्कि भारतीय सेनाओं की क्षमताओं को भी मजबूत करता है। ऐसी पहलें हमें वैश्विक स्तर पर एक मजबूत शक्ति के रूप में स्थापित करने में मदद करेंगी।
NationPress
13/11/2025

Frequently Asked Questions

आईएनवीएआर एंटी-टैंक मिसाइलें क्या हैं?
आईएनवीएआर एंटी-टैंक मिसाइलें एक अत्याधुनिक लेजर-निर्देशित मिसाइल प्रणाली हैं, जो दुश्मन के टैंकों को लक्षित करने में उच्च सटीकता प्रदान करती हैं।
इस अनुबंध का महत्व क्या है?
यह अनुबंध भारतीय सेना की मारक क्षमता को बढ़ाएगा और स्वदेशी उत्पादन को प्रोत्साहित करेगा, जो आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।
क्या यह सौदा स्वदेशी है?
हाँ, यह सौदा स्वदेशी खरीद श्रेणी में आता है और भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देता है।