क्या तरनतारन उपचुनाव में कांग्रेस नेता करणवीर बुर्ज और प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत हुई?

Click to start listening
क्या तरनतारन उपचुनाव में कांग्रेस नेता करणवीर बुर्ज और प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत हुई?

सारांश

तरनतारन विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस नेताओं करणवीर बुर्ज और प्रताप सिंह बाजवा पर भाजपा ने गंभीर आरोप लगाए हैं। सिख प्रतीकों का अपमान करने के मामले में चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग की गई है। क्या यह मामला चुनावी राजनीति में एक नया मोड़ लाएगा?

Key Takeaways

  • कांग्रेस नेताओं पर सिख प्रतीकों का अपमान करने का आरोप
  • भाजपा ने चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग की
  • पवित्र सिख परंपराओं का सम्मान जरूरी है
  • चुनाव आयोग को जल्द कार्रवाई करनी चाहिए
  • राजनीतिक प्रचार का दुरुपयोग एक गंभीर मुद्दा है

चंडीगढ़, 7 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। तरनतारन विधानसभा सीट पर उपचुनाव के दौरान चल रहे प्रचार के बीच कांग्रेस के उम्मीदवार करणवीर बुर्ज और पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा विवादों में फंस गए हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इन कांग्रेस नेताओं पर सिख प्रतीकों का अपमान करने का आरोप लगाया है और चुनाव आयोग से इस मामले में उचित कार्रवाई की मांग की है।

भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुघ ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं के खिलाफ तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए और उनके चुनावी प्रचार पर रोक लगाई जाए, साथ ही उनके नामांकन को रद्द करने का आदेश भी दिया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि पवित्र सिख परंपराओं का अपमान किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जा सकता।

पत्र में उन्होंने उल्लेख किया, "5 नवंबर को तरनतारन में आयोजित एक चुनावी रैली के दौरान मंच पर एक बड़ा राजनीतिक बैनर लगाया गया, जिसमें सिख योद्धा बाबा जीवन सिंह जी को 9वें सिख गुरु, गुरु तेग बहादुर जी का पवित्र शीश पकड़े हुए दर्शाया गया था, लेकिन हैरानी की बात यह है कि कांग्रेस नेताओं की तस्वीरें भी इसी बैनर पर लगाई गई थीं। यह कृत्य प्रताप सिंह बाजवा की उपस्थिति में किया गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह जानबूझकर किया गया था, जिसका उद्देश्य सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना था।"

तरुण चुघ ने पत्र में आगे लिखा, "राजनीतिक प्रचार के लिए बाबा जीवन सिंह जी और गुरु तेग बहादुर जी की शहादत के दृश्य को चित्रित करना एक अपवित्र कृत्य है। यह न केवल सिख धार्मिक भावनाओं का अपमान है, बल्कि चुनावी नियमों का भी उल्लंघन है।"

चुनाव आयोग से अनुरोध करते हुए तरुण चुघ ने लिखा, "आदर्श आचार संहिता और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के गंभीर उल्लंघन पर तुरंत संज्ञान लिया जाए। कांग्रेस उम्मीदवार करणवीर बुर्ज और प्रताप सिंह बाजवा को चुनाव कानूनों और धार्मिक मर्यादाओं का उल्लंघन करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए। इन नेताओं को तरनतारन उपचुनाव में आगे प्रचार करने से रोका जाए।"

Point of View

हमें यह समझना होगा कि चुनावी राजनीति में धार्मिक भावनाओं का अपमान करना किसी भी पार्टी के लिए नुकसानदायक हो सकता है। यह विवाद केवल एक चुनावी मुद्दा नहीं है, बल्कि यह समाज में एकता और सहिष्णुता को भी चुनौती देता है। ऐसे मामलों में निष्पक्षता और जिम्मेदारी से निपटने की आवश्यकता है।
NationPress
07/11/2025

Frequently Asked Questions

तरनतारन उपचुनाव में क्या विवाद हुआ है?
तरनतारन विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस नेताओं पर भाजपा ने आरोप लगाया है कि उन्होंने सिख प्रतीकों का अपमान किया है।
भाजपा ने चुनाव आयोग से क्या मांग की है?
भाजपा ने चुनाव आयोग से कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने और उनके चुनाव प्रचार पर रोक लगाने की मांग की है।
क्या कांग्रेस नेताओं ने सिख प्रतीकों का अपमान किया?
भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस नेताओं ने चुनावी प्रचार में सिख प्रतीकों का अपमान किया है।