क्या आज का दिन सिख समुदाय के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है? : तरुण चुघ

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क्या आज का दिन सिख समुदाय के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है? : तरुण चुघ

सारांश

भाजपा नेता तरुण चुघ ने सिख विरोधी दंगों की बरसी पर सिख समुदाय के लिए दुखद दिन बताया। कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि इस जुल्म को इतिहास में काले अक्षरों में लिखा जाएगा। जानिए इस मुद्दे पर उनका क्या कहना है।

Key Takeaways

  • सिख विरोधी दंगे का दर्द सिख समुदाय में आज भी जीवित है।
  • कांग्रेस पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने दंगों को बढ़ावा दिया।
  • भाजपा के नेता तरुण चुघ ने इसे काले अक्षरों में लिखे जाने वाली घटना बताया।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने न्याय दिलाने के लिए आयोग का गठन किया।
  • सिखों की बस्तियों को दंगों में नष्ट किया गया।

नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा के नेता तरुण चुघ ने शुक्रवार को सिख विरोधी दंगों की बरसी पर दुखद अतीत को याद करते हुए इसे सिख समुदाय के लिए एक दुर्भाग्यपूर्ण दिन बताया। उन्होंने इसे कांग्रेस के द्वारा सिखों पर किए गए सबसे बड़े अत्याचार के रूप में पेश किया और कहा कि यह जुल्म हमेशा काले अक्षरों में दर्ज रहेगा।

उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि सिख विरोधी दंगों के दौरान निर्दोष सिखों की हत्या की गई। आज का दिन सिख समुदाय के लिए दुखद है। दंगों के दौरान उनकी बस्तियों को उजाड़ दिया गया और उनके घर तबाह कर दिए गए। यह अत्यंत दुखद है कि यह सब कुछ कांग्रेस के उच्च नेतृत्व के इशारे पर हुआ था।

उन्होंने बताया कि सिख विरोधी दंगों में 52 शहरों को नष्ट कर दिया गया। मतदाता सूची के आधार पर सिखों को चिन्हित कर उनके खिलाफ हिंसा की गई। आज भी सिख समुदाय के लोग कांग्रेस के नेताओं की करतूतों को याद कर सहम जाते हैं।

उन्होंने कहा कि आज भी सिख विरोधी दंगों में विधवा बनी महिलाओं की बस्तियां मौजूद हैं, जहाँ जाने पर दिल दहल जाता है। लेकिन यह दुखद है कि आज तक कांग्रेस के नेतृत्व की तरफ से दंगों में शामिल नेताओं की निंदा नहीं की गई है। उनके नामों का महिमामंडन किया जाता है।

भाजपा नेता ने कहा कि आज भी सज्जन कुमार जैसे नेता सिख दंगों में संलिप्तता के कारण जेल में हैं। जगदीश टाइटलर और कमलनाथ का नाम भी इस संदर्भ में लिया जाता है। यह अत्यंत दुखद है कि कांग्रेस के नेतृत्व की तरफ से ऐसे नेताओं को बचाने का प्रयास किया जाता रहा है।

उन्होंने कहा कि अगर गांधी-नेहरू परिवार की बात करें, तो इन्होंने सिख विरोधी दंगों में शामिल अपने नेताओं को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए। लेकिन, प्रधानमंत्री मोदी ने सत्ता संभालने के बाद यह सुनिश्चित किया कि दंगों में शामिल सभी कांग्रेस नेताओं को सजा मिले। उन्होंने सिख समुदाय को न्याय दिलाने के लिए आयोग का गठन भी किया।

Point of View

हमें सिख समुदाय के दर्द को समझना चाहिए। राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप से ऊपर उठकर, हमें एकजुटता और सहानुभूति के साथ इस संवेदनशील विषय पर चर्चा करनी चाहिए।
NationPress
31/10/2025

Frequently Asked Questions

सिख विरोधी दंगे कब हुए थे?
सिख विरोधी दंगे 1984 में हुए थे।
तरुण चुघ ने क्या कहा?
तरुण चुघ ने इसे सिख समुदाय के लिए दुर्भाग्यपूर्ण दिन बताया।
कांग्रेस पर क्या आरोप हैं?
कांग्रेस पर सिखों के खिलाफ अत्याचार करने का आरोप है।
प्रधानमंत्री मोदी का क्या प्रयास है?
प्रधानमंत्री मोदी ने सिख समुदाय को न्याय दिलाने के लिए आयोग का गठन किया।
क्या दंगों में शामिल नेताओं को सजा मिली?
कुछ नेताओं जैसे सज्जन कुमार को सजा हुई है, लेकिन अन्य पर अभी भी कार्रवाई नहीं हुई है।