क्या टाटा मोटर्स के कमर्शियल और पैसेंजर वाहन सेगमेंट का अलग-अलग होना नए युग की शुरुआत है?

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क्या टाटा मोटर्स के कमर्शियल और पैसेंजर वाहन सेगमेंट का अलग-अलग होना नए युग की शुरुआत है?

सारांश

टाटा मोटर्स के कमर्शियल और पैसेंजर व्हीकल्स सेगमेंट का डीमर्जर एक नई दिशा की ओर कदम बढ़ाने का संकेत है। एन चंद्रशेखरन के अनुसार, इससे दोनों कंपनियों को स्वतंत्र विकास की दिशा में आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा। जानिए इस महत्वपूर्ण कदम के पीछे की कहानी।

Key Takeaways

  • डीमर्जर से स्वतंत्र विकास की संभावनाएँ बढ़ेंगी।
  • कमर्शियल और पैसेंजर सेगमेंट को स्वतंत्रता मिलेगी।
  • टाटा मोटर्स की कमर्शियल इकाई ने मुनाफा बनाए रखा है।
  • पैसेंजर व्हीकल्स को वित्तीय चुनौतियाँ का सामना करना पड़ा है।
  • डीमर्जर का विचार पहले 2017-18 में आया था।

नई दिल्ली, 12 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने बुधवार को कहा कि टाटा मोटर्स के कमर्शियल और पैसेंजर व्हीकल्स के बिजनेस सेगमेंट का डीमर्जर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जिससे नए युग की शुरुआत हुई है। इस डीमर्जर से दोनों कंपनियों को स्वतंत्र विकास की रणनीतियाँ बनाने का अवसर मिलेगा।

टाटा मोटर्स की कमर्शियल इकाई के लिस्टिंग समारोह में बोलते हुए चंद्रशेखरन ने बताया कि टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स (एमपीवी) को हमेशा से टाटा मोटर्स कमर्शियल व्हीकल्स (टीएमसीवी) से सपोर्ट मिलता आया है।

उन्होंने आगे कहा कि कमर्शियल व्हीकल्स से कैश फ्लो आ रहा है, जिसका उपयोग पैसेंजर व्हीकल्स के पूंजीगत व्यय में किया जा रहा था।

चंद्रशेखरन के अनुसार, दोनों कारोबार को मजबूत रखने के लिए टाटा मोटर्स का डीमर्जर आवश्यक था।

दोनों सेगमेंट के डीमर्जर का विचार सबसे पहले 2017-18 में आया था, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसमें देरी हुई। बाद में इस पर फिर से ध्यान केंद्रित किया गया और पिछले कुछ वर्षों में इसने गति पकड़ी, जिसका समापन इस वर्ष की शुरुआत में आधिकारिक रूप से डीमर्जर के रूप में हुआ।

चंद्रशेखरन ने कहा कि टाटा मोटर्स कमर्शियल व्हीकल्स लगातार मुनाफे में बनी रही है, जबकि टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स को वित्तीय चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। पिछले 8-9 साल पहले मुझे स्पष्ट हो गया था कि इस कंपनी को एक अलग रास्ता अपनाना होगा और डीमर्जर करने से पहले इसे तैयार करना होगा।

दिन की शुरुआत में टाटा मोटर्स की कमर्शियल इकाई के शेयर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर 335 रुपए प्रति यूनिट पर लिस्ट हुए, जो कि डिस्कवरी प्राइस 260.75 रुपए प्रति यूनिट से 28.5 प्रतिशत अधिक था।

वहीं, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर टाटा मोटर्स कमर्शियल व्हीकल्स के शेयर 330.25 रुपए प्रति यूनिट पर लिस्ट हुए, जो कि डिस्कवरी प्राइस 261.90 रुपए प्रति शेयर से 26.09 प्रतिशत अधिक था।

Point of View

हमें यह समझना होगा कि टाटा मोटर्स का डीमर्जर केवल एक व्यवसायिक कदम नहीं है, बल्कि यह आर्थिक स्वतंत्रता और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह अपने कमर्शियल और पैसेंजर सेगमेंट को न केवल स्वतंत्रता देगा, बल्कि उन्हें बाजार में बेहतर प्रदर्शन करने का अवसर भी प्रदान करेगा।
NationPress
12/11/2025

Frequently Asked Questions

टाटा मोटर्स का डीमर्जर क्यों किया गया?
टाटा मोटर्स का डीमर्जर दोनों सेगमेंट को स्वतंत्र विकास की रणनीतियाँ बनाने का अवसर प्रदान करने के लिए किया गया है।
डीमर्जर से टाटा मोटर्स को क्या लाभ होगा?
डीमर्जर से टाटा मोटर्स को अपनी कमर्शियल और पैसेंजर व्यवसायों को स्वतंत्र रूप से विकसित करने का मौका मिलेगा।
क्या डीमर्जर का विचार पहले भी आया था?
जी हां, डीमर्जर का विचार पहले 2017-18 में आया था, लेकिन कोविड-19 के कारण यह विलंबित हो गया।