क्या टाटा समूह उत्तर प्रदेश में ईवी उत्पादन का विस्तार करेगा?
सारांश
Key Takeaways
- इलेक्ट्रिक वाहनों का उत्पादन बढ़ाया जाएगा।
- प्रदेश में सौर ऊर्जा की परियोजनाएँ विकसित की जा रही हैं।
- नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
- टाटा समूह की ऊर्जा परियोजनाओं का विस्तार होगा।
- प्रदेश में थर्मल और सोलर परियोजनाओं का सृजन।
लखनऊ, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन के बीच सोमवार को हुई बैठक में उत्तर प्रदेश में टाटा समूह की संचालित परियोजनाओं और भविष्य में संभावित निवेश प्रस्तावों पर विस्तृत चर्चा हुई।
बैठक के दौरान, एन. चंद्रशेखरन ने मुख्यमंत्री को बताया कि टाटा मोटर्स ने प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन को बढ़ाने की योजना बनाई है और नए ईवी मॉडलों के विकास पर कार्य चल रहा है। इसके साथ ही, उन्होंने टाटा समूह की ऊर्जा अवसंरचना और औद्योगिक विकास से जुड़ी प्रमुख पहलों के बारे में भी जानकारी साझा की।
उन्होंने कहा कि टाटा पावर प्रयागराज के बारा प्लांट में 1,900 मेगावाट क्षमता की थर्मल इकाई का संचालन कर रहा है, जो प्रदेश की ऊर्जा आवश्यकताओं को मजबूत करने में महत्वपूर्ण है। साथ ही उत्तर प्रदेश में सोलर पावर परियोजनाओं का विकास भी तेजी से किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री से चर्चा के दौरान, टाटा संस के चेयरमैन ने प्रदेश में ईवी विकास का रोडमैप प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रिक बसों सहित अन्य ईवी वाहनों के उत्पादन का विस्तार किया जा रहा है, जिससे न केवल टाटा समूह की ईवी क्षेत्र में उपस्थिति सुदृढ़ होगी, बल्कि प्रदेश में नए रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे।
बैठक में, टाटा पावर द्वारा प्रदेश में संचालित और प्रस्तावित ऊर्जा परियोजनाओं की समग्र रूपरेखा भी प्रस्तुत की गई। टाटा पावर सोलर उत्तर प्रदेश में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दे रहा है। इसके तहत प्रयागराज और बांदा में 50-50 मेगावाट क्षमता की दो सोलर परियोजनाएं संचालित हैं। इसके अलावा, प्रदेश के सभी 75 जनपदों में सोलर रूफटॉप परियोजनाओं के माध्यम से स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है, जो मुख्यमंत्री की सतत विकास की अवधारणा के अनुरूप कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।