क्या देश में तीसरी कक्षा से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और कम्प्यूटेशनल थिंकिंग का पाठ्यक्रम लागू होगा?

Click to start listening
क्या देश में तीसरी कक्षा से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और कम्प्यूटेशनल थिंकिंग का पाठ्यक्रम लागू होगा?

सारांश

देश में तीसरी कक्षा से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और कम्प्यूटेशनल थिंकिंग का पाठ्यक्रम लागू करने की योजना। शिक्षा मंत्रालय इस पहल के लिए व्यापक तैयारी कर रहा है, जो विद्यार्थियों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करेगा।

Key Takeaways

  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और कम्प्यूटेशनल थिंकिंग पाठ्यक्रम कक्षा 3 से लागू होगा।
  • यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप होगा।
  • विद्यार्थियों की तार्किक सोच में वृद्धि करेगा।
  • केंद्रीय विद्यालय संगठन और अन्य संस्थाओं के सहयोग से विकसित होगा।
  • शिक्षक प्रशिक्षण पर जोर दिया जाएगा।

नई दिल्ली, 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। देश में तीसरी कक्षा से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और कम्प्यूटेशनल थिंकिंग का पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा। इसके लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय बड़े पैमाने पर तैयारियों में जुटा हुआ है।

शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, शैक्षणिक सत्र 2026-27 से सभी स्कूलों में कक्षा 3 से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और कम्प्यूटेशनल थिंकिंग को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा के अनुरूप होगा। मंत्रालय ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और कम्प्यूटेशनल थिंकिंग को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है।

विभाग का कहना है कि भविष्य के लिए तैयार शिक्षा प्रणाली के एक महत्वपूर्ण अंग के रूप में यह पाठ्यक्रम विकसित किया जा रहा है। इस योजना पर सीबीएसई, एनसीईआरटी, केंद्रीय विद्यालय संगठन, नवोदय विद्यालय समिति सहित विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ मिलकर काम किया जा रहा है।

शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और कम्प्यूटेशनल थिंकिंग शिक्षा विद्यार्थियों में तार्किक सोच, विश्लेषणात्मक क्षमता और समस्या समाधान कौशल को विकसित करेगी। यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इस संबंध में मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण बैठक भी आयोजित की है जिसमें विभिन्न विशेषज्ञ संस्थानों और शिक्षाविदों ने भाग लिया।

इस मौके पर सीबीएसई ने घोषणा की है कि उसने आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर कार्तिक रमन की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है, जो पाठ्यक्रम तैयार करेगी। स्कूल शिक्षा सचिव संजय कुमार ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को 'द वर्ल्ड अराउंड अस' से जोड़ा जाएगा। इस पाठ्यक्रम को व्यापक और समावेशी बनाया जाएगा।

शिक्षा सचिव संजय कुमार ने शिक्षकों के प्रशिक्षण और शिक्षण सामग्री को इस पहल की रीढ़ बताया। उन्होंने कहा कि एनसीईआरटी और सीबीएसई के बीच संयोजन समिति के माध्यम से पाठ्यक्रम की गुणवत्ता और समन्वय सुनिश्चित किया जाएगा। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय अनुभवों का अध्ययन किया जाएगा।

मंत्रालय के अनुसार, दिसंबर 2025 तक संसाधन सामग्री, हैंडबुक और डिजिटल संसाधन तैयार कर लिए जाएंगे। शिक्षक प्रशिक्षण भी कक्षा-वार और समयबद्ध ढंग से पूरा होगा। यह पहल न केवल बच्चों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाएगी, बल्कि उन्हें नैतिक और समस्या समाधान आधारित सोच विकसित करने में भी सक्षम बनाएगी, जिससे वे भविष्य के डिजिटल भारत के जिम्मेदार नागरिक बन सकें।

Point of View

यह पहल शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल बच्चों को आधुनिक तकनीक के प्रति जागरूक करेगा बल्कि उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार भी करेगा।
NationPress
30/10/2025

Frequently Asked Questions

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पाठ्यक्रम कब लागू होगा?
यह पाठ्यक्रम 2026-27 से लागू होगा।
सीबीएसई ने इस पाठ्यक्रम के लिए किस समिति का गठन किया है?
सीबीएसई ने प्रोफेसर कार्तिक रमन की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है।
यह पाठ्यक्रम विद्यार्थियों को क्या सिखाएगा?
यह पाठ्यक्रम विद्यार्थियों में तार्किक सोच, विश्लेषणात्मक क्षमता और समस्या समाधान कौशल को विकसित करेगा।
क्या यह पाठ्यक्रम सभी स्कूलों में लागू होगा?
जी हां, यह पाठ्यक्रम सभी स्कूलों में लागू होगा।
इस पाठ्यक्रम के लिए सामग्री कब उपलब्ध होगी?
दिसंबर 2025 तक संसाधन सामग्री तैयार कर ली जाएगी।