क्या लालू को अपशब्द कहने से बिहार का भला होगा?

सारांश
Key Takeaways
- बिहार में राजनीतिक चर्चा का फोकस गालियों पर है।
- तेजस्वी यादव ने अमित शाह पर कटाक्ष किया।
- बेरोजगारी और गरीबी की समस्या पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
- राजनीतिक दलों को सकारात्मक संवाद की आवश्यकता है।
- लालू यादव को गाली देने से विकास नहीं होगा।
पटना, 9 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर कटाक्ष करते हुए कहा कि लालू यादव और तेजस्वी को अपशब्द कहने से बिहार का भला नहीं होने वाला है।
दिल्ली से लौटने के बाद तेजस्वी यादव ने शनिवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि जब ये लोग बिहार आते हैं तो एक ही बात करते हैं। बिहार की तरक्की, बेरोजगारी, महंगाई और गरीबी खत्म करने की बात करें, लेकिन इस पर कोई चर्चा नहीं होती। दिनभर लालू यादव या तेजस्वी को गालियां देने से बिहार का भला नहीं होगा।
उन्होंने आगे कहा, "जब तक बिहार से बेरोजगारी, गरीबी और पलायन नहीं रुकेगा, तब तक कुछ नहीं होगा। महंगाई खत्म होगी, शिक्षा और चिकित्सा की बात तो ये करते नहीं हैं। इनकी राजनीति केवल नकारात्मक है। इससे बिहार की जनता को कोई लाभ नहीं होगा।"
तेजस्वी यादव ने कहा कि इस बार अमित शाह आए, बिहार में ठहरे या रहे, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान के कार्यक्रम पर उन्होंने कहा, "यह अच्छी बात है। नेताओं को जनता के बीच रहना चाहिए।"
पूर्व विधायक अनंत सिंह के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात को लेकर उन्होंने कहा कि वे इन लोगों के बारे में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। ये लोग नाकाम हैं और एके47 की भाषा समझते हैं। ये सब बिहार के लोगों को समझ में आता है। पार्टी के प्रवक्ता इस पर जवाब देंगे। ये लोग हमारे लायक नहीं हैं।