क्या चुनाव बहिष्कार को लेकर सहयोगी दलों से बात करेंगे तेजस्वी यादव?

सारांश
Key Takeaways
- तेजस्वी यादव ने चुनाव बहिष्कार का विकल्प खुला रखा है।
- मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण जारी है।
- चुनाव आयोग की भूमिका पर संदेह उठाए जा रहे हैं।
- सही मतदाताओं के अधिकारों का हनन हो रहा है।
- विपक्ष की चिंताएँ चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर हैं।
पटना, २४ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में विधानसभा चुनाव से पूर्व मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान जारी है। सरकार ने आश्वासन दिया है कि किसी भी सही मतदाता का नाम नहीं काटा जाएगा, फिर भी विपक्ष का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि वोटों की चोरी की पूरी तैयारी की जा रही है।
तेजस्वी यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वोटों की चोरी की घटनाएँ सामने आ रही हैं। उन्होंने कहा, "हमारे पास चुनाव बहिष्कार का विकल्प खुला है। अगर बेईमानी करनी है, लोकतंत्र को समाप्त करना है और जनता के अधिकारों का हनन करना है, तो हम इसे लेकर महागठबंधन के घटक दलों और पार्टी कार्यकर्ताओं से बात करेंगे।"
उन्होंने चुनाव में हार के डर की बात पर कहा कि अगर हम हार से डरते तो क्या बार-बार चुनाव लड़ते? चुनाव आयोग भाजपा का ही पार्ट बन चुका है, लाखों वोटरों के वोट काट दिए गए हैं।
मृत लोगों के नाम काटने पर तेजस्वी यादव ने कहा कि यह हमेशा होता है। पुनरीक्षण और गहन पुनरीक्षण को एक साथ मिला दिया गया है। गहन पुनरीक्षण २००३ में हुआ था और पुनरीक्षण की सूची फरवरी में आई थी, यह हर साल की प्रक्रियाओं में से एक है।
एसआईआर में संदेह को लेकर उन्होंने कहा कि एक अगस्त के बाद चुनाव आयोग असली खेल दिखाएगा। जैसे हमें पता है कि कौन सा बूथ मजबूत है, वैसे ही उन्हें भी पता होगा।
बिहार मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का पहला चरण समाप्ति की ओर है। चुनाव आयोग का लक्ष्य है कि कोई योग्य मतदाता छूट न जाए और कोई अयोग्य मतदाता जुड़ न जाए। निर्वाचन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, एसआईआर में अब तक ९८.०१ प्रतिशत मतदाता कवर किए जा चुके हैं। २० लाख मृतक मिले हैं और २८ लाख स्थायी रूप से प्रवास कर चुके मतदाताओं के नाम पाए गए हैं।
एसआईआर के पहले चरण में प्राथमिक तौर पर गलत तरीके से सम्मिलित सभी मतदाताओं की सूची और अब तक फार्म न भरने वालों की सूची को बिहार के सभी १२ प्रमुख राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षों द्वारा नामित १.५ लाख बूथ लेवल एजेंट्स से २० जुलाई को साझा किया गया है।