क्या तेजस्वी की सभा में पीएम मोदी पर की गई अमर्यादित टिप्पणी को जनता स्वीकार करेगी?: दिलीप जायसवाल
सारांश
Key Takeaways
- तेजस्वी यादव की सभा में पीएम मोदी पर अमर्यादित टिप्पणी विवादित रही।
- भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल की प्रतिक्रिया ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया।
- राजनीतिक भाषाई मर्यादा का पालन अनिवार्य है।
- जनता की अदालत में नेताओं के बयानों का महत्व होता है।
- हार के डर से नेता कभी-कभी असंवेदनशील बयानों का सहारा लेते हैं।
पटना, 21 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव की गहमागहमी तेज हो गई है। विभिन्न राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं। चारों ओर चुनावी रैलियों का आयोजन हो रहा है। इसी दौरान, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एक बार फिर विवादों में फंस गए हैं। हालिया घटना उनके एक जनसभा से जुड़ी हुई है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी की गई।
इस घटना ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश की जनता इस प्रकार की राजनीति को कभी भी स्वीकार नहीं करेगी।
समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस के साथ विशेष बातचीत में दिलीप जायसवाल ने कहा कि तेजस्वी यादव की सभा में जिस तरह की घटना हुई, उसे बिहार की जनता कभी नहीं स्वीकार करेगी। यह हार का डर है कि अब उनके मंचों से इस तरह के अपशब्द निकलने लगे हैं। जब किसी को हार का भय सताने लगता है, तो वह इस तरह का माहौल बनाने लगता है। भाजपा के कार्यकर्ता इसका प्रतिकार करेंगे और बिहार की जनता इस प्रकार की राजनीति को कभी माफ नहीं करेगी।
उन्होंने आगे कहा कि राजनीति करनी है तो करें, लेकिन जब जनता और वोट की ताकत कम होने लगती है, तब ऐसी घटनाएं होने लगती हैं। जनता की अदालत इस कृत्य को बिल्कुल भी पसंद नहीं करेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के हालिया एक्स पोस्ट पर भी जायसवाल ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी क्या बोलते हैं, उन्हें खुद पता नहीं होता। उनके बयानों से कांग्रेस की और फजीहत हो जाती है। भगवान ने कांग्रेस की नाव डुबाने के लिए ही राहुल गांधी को भेजा है। आप देख रहे हैं कि उन्होंने कांग्रेस को पूरी तरह कमजोर करने का कार्य किया है। इसलिए वे कुछ भी बोलते रहते हैं और उसी से कांग्रेस का नुकसान होता है।