क्या थाइलैंड के इस मंदिर में शिव के साथ विराजमान हैं मां पार्वती, नवरात्रि में होती है नौ दिन पूजा?

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क्या थाइलैंड के इस मंदिर में शिव के साथ विराजमान हैं मां पार्वती, नवरात्रि में होती है नौ दिन पूजा?

सारांश

क्या आप जानते हैं कि थाइलैंड में भी नवरात्रि के दौरान माँ पार्वती और भगवान शिव की पूजा होती है? श्री महा मरिअम्मन मंदिर में नौ दिन तक श्रद्धा के साथ पूजा की जाती है। इस मंदिर की स्थापना तमिल प्रवासियों ने की थी और यह अब बैंकॉक का एक प्रमुख धरोहर स्थल बन चुका है।

Key Takeaways

  • थाइलैंड में भी नवरात्रि का उत्सव मनाया जाता है।
  • श्री महा मरिअम्मन मंदिर की स्थापना तमिल प्रवासियों ने की थी।
  • इस मंदिर में भगवान शिव और माँ पार्वती की पूजा होती है।
  • यह मंदिर अब बैंकॉक का प्रमुख पर्यटन स्थल बन चुका है।
  • यहाँ हिंदू समुदाय के लोग पूजा-पाठ करते हैं।

नई दिल्ली, 29 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। देशभर में नवरात्रि का उत्सव जोरों पर है। हर जगह माँ के पंडाल और गरबा के रंग-बिरंगे दृश्य देखने को मिल रहे हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि विदेशों में भी माँ भवानी की पूजा होती है और नौ दिनों तक पूरी श्रद्धा के साथ उनकी आराधना की जाती है।थाइलैंड की राजधानी बैंकॉक में स्थित श्री महा मरिअम्मन मंदिर में भगवान शिव और माँ पार्वती शक्ति के रूप में विराजमान हैं। इस मंदिर को उमा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर के भीतर भगवान शिव और पार्वती के साथ-साथ भगवान गणेश, विष्णु और भगवान कार्तिकेय का भी अलग से मंदिर है।

बैंकॉक में उमा को माँ काली का अवतार माना जाता है, इसलिए वहां के गैर-बौद्ध लोग नौ दिन भगवती के विभिन्न रूपों की पूजा करते हैं।

श्री महा मरिअम्मन मंदिर लगभग 150 वर्षों पुराना है और इसकी जड़ें भारत के दक्षिण राज्यों से जुड़ी हैं। 1860 के दशक में भारत से बैंकॉक आए तमिल प्रवासियों ने इस मंदिर का निर्माण किया। इन प्रवासियों के नेता वैथी पडैचची ने इस मंदिर की स्थापना की, क्योंकि उस समय बैंकॉक में हिंदू मंदिर नहीं था और अपने धर्म की स्थापना और संरक्षण करना आवश्यक था।

इस मंदिर को वाट खाक या उमा देवी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर मुख्य रूप से शक्ति का प्रतीक है, जहाँ भगवान शिव की रानी ममता के रूप में विराजमान हैं।

इस मंदिर की संरचना और कलाकृति हमारे दक्षिण भारतीय मंदिरों से मेल खाती है। यहाँ हिंदू समुदाय के लोग पूजा-पाठ करते हैं और शाम को रामायण का पाठ करके मंदिर को बंद कर देते हैं। अब यह मंदिर बैंकॉक का एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन गया है, जहाँ भारत से आने वाले हिंदू श्रद्धालु जरूर आते हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारतीय संस्कृति और परंपराएँ केवल भारतीय सीमाओं तक ही सीमित नहीं हैं। थाइलैंड में इस प्रकार के मंदिरों का अस्तित्व हमारे लिए यह दर्शाता है कि भारतीय संस्कृति का प्रभाव वैश्विक स्तर पर फैला हुआ है। इस प्रकार के स्थल न केवल धर्म को बढ़ावा देते हैं, बल्कि सांस्कृतिक एकता को भी दर्शाते हैं।
NationPress
14/11/2025

Frequently Asked Questions

श्री महा मरिअम्मन मंदिर कब स्थापित हुआ?
यह मंदिर लगभग 150 साल पहले, 1860 के दशक में स्थापित हुआ था।
इस मंदिर में कौन-कौन से देवताओं की पूजा होती है?
इस मंदिर में भगवान शिव, माँ पार्वती, भगवान गणेश, भगवान विष्णु और भगवान कार्तिकेय की पूजा होती है।
बैंकॉक में नवरात्रि कैसे मनाई जाती है?
बैंकॉक में नवरात्रि के दौरान, लोग माँ के विभिन्न रूपों की पूजा करते हैं।
इस मंदिर को किस नाम से जाना जाता है?
इस मंदिर को उमा मंदिर और वाट खाक के नाम से भी जाना जाता है।
क्या यह मंदिर पर्यटकों के लिए खुला है?
हाँ, यह मंदिर भारत से आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक प्रमुख स्थल बन चुका है।