क्या तृणमूल ने प्राकृतिक आपदा के बाद पश्चिम बंगाल के लिए धनराशि जारी नहीं करने पर केंद्र को घेरा?

सारांश
Key Takeaways
- तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र पर आरोप लगाया है कि वह बंगाल को धनराशि नहीं दे रहा है।
- केंद्र ने अन्य राज्यों को बड़ी धनराशि आवंटित की है।
- दोनों सरकारों के बीच राजनीतिक मतभेद हैं।
- बंगाल में बाढ़ और भूस्खलन ने स्थिति को गंभीर बना दिया है।
- मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र की नीतियों की आलोचना की है।
कोलकाता, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। तृणमूल कांग्रेस ने बाढ़ और भूस्खलन के कारण पश्चिम बंगाल में आई गंभीर स्थिति के लिए केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया है।
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के माध्यम से तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि जबकि अन्य राज्यों को प्राकृतिक आपदाओं के बाद सहायता दी जाती है, बंगाल को वंचित रखा गया है और उसे अपने हाल पर छोड़ दिया गया है।
पार्टी ने आरोप लगाया कि प्रतिशोधी सरकार ने एक बार फिर बांग्लादेश के लोगों को उनकी आवश्यकता के समय पर छोड़ दिया है, जबकि उत्तर बंगाल बाढ़ और भूस्खलन के कहर से जूझ रहा है, जिसने जीवन, घरों और आजीविका को तबाह कर दिया है।
उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र ने एक भी रुपया राहत देने से इंकार कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र और कर्नाटक को बाढ़ संकट से निपटने के लिए 1,950.80 करोड़ रुपये भेजे, लेकिन बंगाल को बेसहारा छोड़ दिया।
तृणमूल कांग्रेस ने यह भी बताया कि यह कदम 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार का परिणाम है।
टीएमसी ने कहा कि केंद्र सरकार 2021 में बंगाल में हुए अपमान का बदला लेने के लिए संघीय धनराशि का प्रयोग एक हथियार के रूप में कर रही है। इस वर्ष एसडीआरएफ से 13,603.20 करोड़ रुपये और एनडीआरएफ से 2,189.28 करोड़ रुपये अन्य राज्यों को जारी किए गए, लेकिन बंगाल इस सूची में स्पष्ट रूप से गायब है। राजनीतिक द्वेष का उपयोग शासन के नाम पर किया जा रहा है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने बंगाल के प्रति सौतेले रवैये के लिए केंद्र पर आरोप लगाया है और राज्य में बाढ़, भूस्खलन और अन्य आपदाओं के बावजूद बंगाल की आर्थिक उपेक्षा करने के लिए भाजपा की आलोचना की है।
तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि यह जानबूझकर वित्तीय गला घोंटने का एक कठिन और सुनियोजित कदम है, जो आम नागरिकों को उनके लोकतांत्रिक चुनाव की कीमत चुकाने पर मजबूर करता है।