क्या अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने सेमीकंडक्टर और चिप्स पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी दी?

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क्या अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने सेमीकंडक्टर और चिप्स पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी दी?

सारांश

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सेमीकंडक्टर और चिप्स पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी दी है। यह कदम अमेरिका में घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है। क्या इससे एप्पल और अन्य तकनीकी कंपनियों को लाभ होगा? जानिए इस महत्वपूर्ण खबर के बारे में।

Key Takeaways

  • डोनाल्ड ट्रंप ने सेमीकंडक्टर और चिप्स पर 100 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा की।
  • यह नीति अमेरिका में घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए है।
  • कंपनियों को अमेरिका में निर्माण करने पर टैरिफ से छूट मिलेगी।
  • भारत पर अमेरिकी टैरिफ का असर व्यापारिक संबंधों पर पड़ेगा।
  • इससे ताइवान, दक्षिण कोरिया और सिंगापुर प्रभावित होंगे।

नई दिल्ली, 7 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सभी आयातित सेमीकंडक्टर और चिप्स पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया है।

ओवल ऑफिस में एप्पल के सीईओ टिम कुक के साथ हुई बैठक में ट्रंप ने कहा, "अमेरिका में आने वाले सभी चिप्स और सेमीकंडक्टर पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा। लेकिन यदि आपने अमेरिका में निर्माण करने की इच्छा जताई है या निर्माण प्रक्रिया में हैं, जैसा कि कई कंपनियों ने किया है, तो आपको टैरिफ से छूट मिलेगी।"

यदि ट्रंप अपनी टैरिफ की धमकी को लागू करते हैं, तो एप्पल, एनवीडिया और ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी (टीएसएमसी) जैसी कंपनियां, जिन्होंने अमेरिका में महत्वपूर्ण निवेश का वादा किया है, इस छूट का लाभ उठा सकती हैं।

इस पहल का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय तकनीकी कंपनियों को अमेरिका में निर्माण कार्य स्थापित करने या विस्तार करने के लिए प्रेरित करना और विदेशी सप्लाई चेन पर निर्भरता को कम करना है।

ट्रंप ने कहा कि अमेरिका में उत्पादन में बढ़ते निवेश के कारण, एप्पल जैसी कंपनियों को इस छूट का लाभ मिल सकता है।

उन्होंने कहा, "एप्पल जैसी कंपनियों के लिए अच्छी खबर यह है कि यदि आप अमेरिका में निर्माण कर रहे हैं या बिना किसी सवाल के अमेरिका में निर्माण करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, तो कोई शुल्क नहीं लगेगा।"

100 प्रतिशत टैरिफ सभी आयातित सेमीकंडक्टर और चिप्स पर लागू होगा, जिससे ताइवान, दक्षिण कोरिया और सिंगापुर के प्रमुख आपूर्तिकर्ता प्रभावित होंगे।

हालांकि, अमेरिका में चिप निर्माण के लिए एप्पल के 100 अरब डॉलर और टीएसएमसी के 165 अरब डॉलर के निवेश के अतिरिक्त, एनवीडिया और ग्लोबलफाउंड्रीज ने भी अपने कुछ उत्पादों का निर्माण अमेरिका में करने का वादा किया है।

अमेरिकी सरकार ने 7 अगस्त से भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत आयात शुल्क लागू किया है। इसके अलावा, ट्रंप ने भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल और सैन्य उपकरणों की खरीद का हवाला देते हुए 27 अगस्त से अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ वृद्धि की धमकी दी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर दिया कि देश किसानों और मछुआरों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा।

Point of View

हमें यह समझना होगा कि इस तरह के कदम अंतरराष्ट्रीय व्यापार संतुलन पर प्रभाव डाल सकते हैं। डोनाल्ड ट्रंप की यह नीति अमेरिका में उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन हमें यह भी देखना होगा कि इससे अन्य देशों के साथ व्यापारिक संबंधों पर क्या असर पड़ेगा। हमें हमेशा अपने देश के हितों के साथ रहना होगा।
NationPress
07/08/2025

Frequently Asked Questions

ट्रंप का टैरिफ नीति का मुख्य उद्देश्य क्या है?
ट्रंप का टैरिफ नीति का उद्देश्य अमेरिका में घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना और विदेशी आपूर्ति श्रृंखलाओं पर निर्भरता को कम करना है।
इस नीति से कौन-कौन सी कंपनियां प्रभावित होंगी?
इस नीति के अंतर्गत एप्पल, एनवीडिया, और टीएसएमसी जैसी कंपनियां प्रभावित होंगी।
क्या कंपनियों को टैरिफ से छूट मिलेगी?
यदि कंपनियां अमेरिका में निर्माण करने की प्रतिबद्धता जताती हैं, तो उन्हें टैरिफ से छूट मिलेगी।
भारत पर अमेरिकी टैरिफ का क्या असर होगा?
भारत पर अमेरिकी टैरिफ का असर भारतीय वस्तुओं की कीमतों पर पड़ेगा, जिससे व्यापारिक संबंध प्रभावित हो सकते हैं।
क्या यह नीति भारत के लिए चुनौती बनेगी?
हां, यह नीति भारत के लिए चुनौती बन सकती है, खासकर जब वह रूस से कच्चे तेल और सैन्य उपकरण खरीद रहा है।