क्या ट्रंप के टैरिफ 'चौंकाने वाले' हैं? लिसा कर्टिस का भारत के बढ़ते अर्थव्यवस्था पर नजरिया

Click to start listening
क्या ट्रंप के टैरिफ 'चौंकाने वाले' हैं? लिसा कर्टिस का भारत के बढ़ते अर्थव्यवस्था पर नजरिया

सारांश

भारत की आर्थिक मजबूती और अमेरिका के साथ संबंधों पर लिसा कर्टिस ने गहरा विचार प्रस्तुत किया है। ट्रंप के टैरिफ निर्णय को उन्होंने चौंकाने वाला बताया है। क्या यह निर्णय भारत और अमेरिका के रिश्तों पर प्रभाव डालेगा? जानिए इस महत्वपूर्ण बातचीत के बारे में।

Key Takeaways

  • लिसा कर्टिस ने ट्रंप के टैरिफ को चौंकाने वाला बताया।
  • भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है।
  • अमेरिका और भारत के बीच व्यापार वार्ता होने वाली है।
  • कर्टिस ने चीन और भारत के रिश्तों की तुलना की।
  • भारत को अमेरिका के साथ अपनी साझेदारी से लाभ होता है।

नई दिल्ली, 7 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल में डिप्टी-असिस्टेंट रहीं, विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा की विशेषज्ञ लिसा कर्टिस ने गुरुवार को भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने के ट्रंप के निर्णय को 'चौंकाने वाला' बताया। उन्होंने भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को दोनों देशों के बीच के रणनीतिक साझेदारी की एक महत्वपूर्ण ताकत बताया।

समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस के साथ एक विशेष इंटरव्यू में कर्टिस ने राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा भारतीय आयातों पर लागू किए गए 25 प्रतिशत टैरिफ पर आश्चर्य व्यक्त किया। यह खासकर तब महत्वपूर्ण है जब अमेरिका के रणनीतिक प्रतिद्वंद्वी चीन को रूस से तेल आयात करने के बावजूद भी ऐसे टैरिफ का सामना नहीं करना पड़ा है।

उन्होंने कहा, 'भारत अमेरिका का एक रणनीतिक साझेदार है। चीन एक रणनीतिक प्रतिद्वंद्वी है। इसलिए, यह टैरिफ समझ से परे हैं।'

हालांकि, कर्टिस ने यह भी कहा कि हालिया टैरिफ फैसला ट्रंप के पहले कार्यकाल के दृष्टिकोण में बदलाव का संकेत देता है, जब नीतियों का फोकस भारत के साथ विश्वास और सहयोग को बढ़ावा देने पर था।

उन्होंने कहा, 'ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान, हमने भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने का एक ठोस प्रयास देखा था। यह टैरिफ निर्णय एक बिल्कुल अलग दृष्टिकोण दर्शाता है।'

कर्टिस वर्तमान में सेंटर फॉर अ न्यू अमेरिकन सिक्योरिटी (सीएनएएस) में इंडो-पैसिफिक सिक्योरिटी प्रोग्राम की सीनियर फेलो और निदेशक हैं।

उन्होंने आगे कहा, 'यूक्रेन संकट से पहले भारत रूस से शायद ही कोई तेल आयात करता था। अब रूस भारत के सबसे बड़े तेल आपूर्तिकर्ताओं में से एक है। अन्य आपूर्तिकर्ताओं की ओर वापस जाने से भारत की अर्थव्यवस्था को कोई नुकसान नहीं होगा।'

कर्टिस ने 2017 से 2021 तक राष्ट्रपति की डिप्टी-असिस्टेंस और दक्षिण एवं मध्य एशिया के लिए अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) की वरिष्ठ निदेशक के रूप में कार्य किया।

एनएससी में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने 2017 में राष्ट्रपति द्वारा अप्रूव्ड अमेरिका की दक्षिण एशिया रणनीति पर काम किया और इंडो-पैसिफिक रणनीतिक ढांचे में एक प्रमुख योगदानकर्ता रहीं, जिसमें क्वाड सिक्योरिटी कॉरपोरेशन का विस्तार भी शामिल था।

अमेरिकी टैरिफ पर बोलते हुए उन्होंने कहा, 'आप हर चीज को टैरिफ तक सीमित करके एक प्रभावी विदेश नीति नहीं बना सकते। रिश्ते सिर्फ व्यापार पर नहीं, बल्कि सैन्य सहयोग, राजनीतिक सहयोग और रणनीतिक रूप से एक साथ आने पर आधारित होते हैं।'

कर्टिस ने कहा कि वह अगस्त के अंत में अमेरिका और भारत के बीच होने वाली आगामी व्यापार वार्ता में सकारात्मक परिणाम की संभावना के प्रति आशावादी हैं।

उन्होंने कहा, 'हो सकता है कि हम एक समझौता कर लें, और इससे हाल के हफ्तों की कुछ बेकार की बयानबाजी को कम करने में मदद मिलेगी।'

मौजूदा तनावों के बावजूद, कर्टिस ने भारत की आर्थिक मजबूती और वैश्विक मंच पर उसकी महत्वपूर्ण भूमिका पर भरोसा जताया।

उन्होंने कहा, 'भारत को अमेरिका के साथ अपनी साझेदारी से बहुत फायदा होता है और वह इस रिश्ते को बनाए रखने और मजबूत करने के तरीके तलाशेगा।'

Point of View

NationPress
22/12/2025

Frequently Asked Questions

लिसा कर्टिस ने ट्रंप के टैरिफ पर क्या कहा?
लिसा कर्टिस ने ट्रंप के टैरिफ को 'चौंकाने वाला' बताया और इसे भारत-अमेरिका संबंधों के लिए समझ से परे कहा।
भारत की अर्थव्यवस्था पर टैरिफ का क्या प्रभाव होगा?
कर्टिस का मानना है कि भारत की अर्थव्यवस्था को अन्य आपूर्तिकर्ताओं की ओर वापस जाने से कोई नुकसान नहीं होगा।
क्या अमेरिका और भारत के बीच व्यापार वार्ता होगी?
हाँ, अगस्त के अंत में अमेरिका और भारत के बीच व्यापार वार्ता की योजना है, जिसमें सकारात्मक परिणाम की संभावना है।
Nation Press