क्या तुंग चुन ने एससीओ रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में मेहमानों से मुलाकात की?

सारांश
Key Takeaways
- एससीओ बहुपक्षीय सहयोग का प्रतीक है।
- रक्षा और सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
- भारत-चीन संबंधों में सुधार की संभावनाएं हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए एकता का संदेश।
- क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित।
बीजिंग, 27 जून (राष्ट्र प्रेस)। चीनी रक्षा मंत्री तुंग चुन ने 26 जून को पूर्वी चीन के छिंगताओ शहर में एससीओ रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में भाग लेने वाले एससीओ महासचिव और उजबेकिस्तान, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और भारत के समकक्षों से अलग-अलग मुलाकात की।
तुंग चुन ने कहा कि एससीओ वास्तव में बहुपक्षवाद का व्यवहारिक उदाहरण प्रस्तुत करता है और यह वैश्विक रणनीतिक स्थिरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस सम्मेलन ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को एससीओ के सदस्यों के बीच एकता और सहयोग की भावना को मजबूत करने का संदेश दिया है।
उम्मीद है कि सभी पक्ष मिलकर इस सम्मेलन के सिद्धांतों को लागू करेंगे और एकतरफावाद, संरक्षणवाद और प्रभुत्ववाद के नकारात्मक प्रभावों का सामना करेंगे, जिससे क्षेत्रीय समृद्धि और स्थिरता में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा। चीनी पक्ष अन्य सदस्य देशों के रक्षा विभागों के साथ घनिष्ठ समन्वय करने के लिए तत्पर है, ताकि रक्षा और सुरक्षा सहयोग में नई प्रगति हो सके और एससीओ साझे भविष्य वाले समुदाय का निर्माण किया जा सके।
मुलाकात में सभी पक्षों ने इस सम्मेलन की सफलता के लिए चीनी पक्ष द्वारा किए गए व्यापक इंतजाम के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने एससीओ रक्षा और सुरक्षा सहयोग को उन्नत करने और क्षेत्रीय तथा वैश्विक सुरक्षा, स्थिरता, विकास और समृद्धि को बढ़ाने के प्रति अपनी उत्सुकता जाहिर की।
भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत और चीन एक-दूसरे के अविभाज्य पड़ोसी हैं और दोनों देशों के बीच एक लंबे आदान-प्रदान का इतिहास है। भारत का चीन के साथ मुठभेड़ करने का इरादा नहीं है, बल्कि वह मतभेदों को उचित तरीके से सुलझाना चाहता है और पारस्परिक विश्वास को मजबूत करना चाहता है।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)