क्या रायबरेली में दलित युवक की हत्या पर उदित राज का बयान महत्वपूर्ण है?

सारांश
Key Takeaways
- उदित राज ने हत्या की कड़ी निंदा की है।
- जातिवाद के खिलाफ संघर्ष की आवश्यकता है।
- इस घटना ने समाज में जातिवाद की पुनर्स्थापना का संकेत दिया है।
- कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाया गया है।
- सभी वर्गों के अधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए।
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस नेता उदित राज ने उत्तर प्रदेश के रायबरेली में एक दलित युवक की पीट-पीट कर हत्या की घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि यह घटनाएं यह दर्शाती हैं कि कुछ लोग हमारे समाज में फिर से जातिवाद को बढ़ावा देना चाहते हैं। मनुवाद को पुनर्स्थापित करने का प्रयास हो रहा है, लेकिन हम ऐसा होने नहीं देंगे।
उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि इस घटना का वीडियो भी सामने आया है। इस वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि कैसे युवक की पीट-पीट कर हत्या की गई, और यह भी कि पीटने वाले कहते हैं कि 'हम बाबा वाले हैं।'
इस तरह से उत्पात मचाने वाले लोग यह संदेश देना चाहते हैं कि उन्हें इस प्रकार की हरकतें करने का लाइसेंस मिल गया है। इस घटना की जितनी निंदा की जाए, वह कम है।
उन्होंने इटावा की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि हमें याद है कि कैसे एक यादव समुदाय के व्यक्ति के साथ बदसलूकी की गई। ऐसी घटनाएं पूरी तरह से निंदनीय हैं और इन्हें किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता।
कांग्रेस नेता ने कहा कि इस सरकार की कार्यशैली से स्पष्ट है कि ये लोग दलित, पिछड़ा और मुस्लिम विरोधी हैं। ये समाज के दबे-कुचले लोगों को आगे बढ़ता हुआ नहीं देख सकते।
उदित राज ने रायबरेली की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि युवक लगातार राहुल गांधी का नाम ले रहा था। वह बार-बार राहुल गांधी को पुकार रहा था, मानो उसे उनसे उम्मीद थी कि वह उसे बचा लेंगे। लेकिन हत्या करने वाले लोग कहते हैं कि 'हम बाबा वाले हैं', जिससे इनकी मानसिकता साफ जाहिर होती है कि ये लोग दलितों से कितनी नफरत करते हैं।
इसके अलावा, उदित राज ने राजस्थान में कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत की घटना की भी निंदा की। उन्होंने कहा कि यह हमारे देश के लिए दुर्भाग्य की बात है कि जब कोई व्यक्ति किसी नियम की अवहेलना करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होती। अगर ऐसा किसी अन्य देश में होता, तो उसे जेल में डाल दिया जाता। अफसोस है कि हमारे देश में कानून-व्यवस्था स्थिर नहीं है, जिसकी भारी कीमत कई बेगुनाहों को चुकानी पड़ती है।
उदित राज ने कहा कि जब तक इस मामले में शामिल लोगों को सजा नहीं मिलती, तब तक लोग इस घटना को भूल चुके होंगे। यह हमारी संविधानिक व्यवस्था की संवेदनहीनता को दर्शाता है। मैं मांग करता हूं कि इस मामले में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो और उन्हें कड़ी सजा मिले, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
वहीं, बाबा बागेश्वर ने कहा कि हिंदुओं को माला और भाला साथ लेकर चलना चाहिए। इस पर उदित राज ने कहा कि बाबा बागेश्वर एक फर्जी और अनपढ़ आदमी है। उसकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए। उसे भाजपा और आरएसएस ने पैदा किया है। वह संविधान के खिलाफ भी बोलता है। उसे जेल में डालना चाहिए और यह देखना चाहिए कि उसने इतना पैसा कहाँ से कमाया है।
जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में आग लगने की घटना पर कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए। इसे शॉर्ट सर्किट की आड़ में नहीं छुपाना चाहिए। जांच के बाद ही स्पष्ट होगा कि यह शॉर्ट सर्किट का नतीजा है या इसमें किसी कर्मचारी की लापरवाही शामिल है। अगर लापरवाही है, तो निश्चित रूप से उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
कर्नाटक के पूर्व मंत्री ने कहा कि टीपू सुल्तान ने केआरएस डैम की नींव रखी है, इस पर कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि इस पर चर्चा होना चाहिए। अगर किसी ने समाज की भलाई के लिए कदम उठाया है, तो उस पर किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।