क्या उज्ज्वला योजना ने महिलाओं को खाना पकाने के धुएं से मुक्त किया है? : हरदीप पुरी

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क्या उज्ज्वला योजना ने महिलाओं को खाना पकाने के धुएं से मुक्त किया है? : हरदीप पुरी

सारांश

क्या उज्ज्वला योजना ने वास्तव में महिलाओं के जीवन में बदलाव लाया है? जानिए केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी के बयान के अनुसार इस योजना का प्रभाव क्या है। यह न केवल धुएं से मुक्ति दिलाने की योजना है, बल्कि पीएम मोदी के नेतृत्व में परिवारों को सम्मान भी प्रदान कर रही है।

Key Takeaways

  • उज्ज्वला योजना ने महिलाओं को खाना पकाने के धुएं से मुक्ति दिलाई है।
  • इस योजना के तहत 10.60 करोड़ परिवारों को एलपीजी कनेक्शन मिले हैं।
  • उज्ज्वला योजना डिपॉजिट फ्री है।
  • उज्ज्वला 2.0 के तहत प्रवासी परिवारों को विशेष सुविधाएं मिल रही हैं।
  • इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण परिवारों का स्वास्थ्य सुधारना है।

नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को कहा कि उज्ज्वला योजना ने रसोई गैस तक ही सीमित नहीं रहकर, महिलाओं को खाना पकाने के दौरान धुएं से मुक्ति दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और पीएम मोदी के जन-केंद्रित नेतृत्व में परिवारों के लिए सम्मान स्थापित किया है।

केंद्रीय मंत्री पुरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "इस नवरात्रि उज्ज्वला योजना 25 लाख नए एलपीजी कनेक्शन का विशेष उपहार लेकर आई है। इतनी बड़ी पहुंच के साथ यह योजना अब देश के 10.60 करोड़ परिवारों के भविष्य को उज्ज्वल बनाएगी।"

उन्होंने आगे बताया कि उज्ज्वला योजना को 2016 में दुनिया के सबसे बड़े क्लीन फ्यूल मिशन के रूप में लॉन्च किया गया था। यह योजना डिपॉजिट फ्री है, जिसमें स्टोव, सिलेंडर और पहला रिफिल शामिल है।

केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी कि अब 90 प्रतिशत रिफिल हर डिलीवरी पर सुरक्षा जांचों के बाद ऑनलाइन बुक किए जाते हैं।

1 मई 2016 को पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय (एमओपीएनजी) ने 'प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना' (पीएमयूवाई) को एक प्रमुख योजना के रूप में प्रस्तुत किया। योजना को पीएम मोदी द्वारा उत्तर प्रदेश के बलिया में आरंभ किया गया था।

केंद्र के अनुसार, ग्रामीण और वंचित परिवार पारंपरिक खाना पकाने के ईंधन जैसे लकड़ी, कोयला, और गोबर के उपलों का उपयोग करते थे। इस ईंधन के उपयोग से ग्रामीण महिलाओं के स्वास्थ्य के साथ-साथ पर्यावरण पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता था। पीएमयूवाई का उद्देश्य इन परिवारों को एलपीजी जैसे स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन की उपलब्धता कराना था।

इस योजना के तहत मार्च 2020 तक वंचित परिवारों को 8 करोड़ एलपीजी कनेक्शन जारी करने का लक्ष्य रखा गया था। 7 सितंबर 2019 को लक्षित तारीख से पहले ही पीएम मोदी ने औरंगाबाद, महाराष्ट्र में 8 करोड़वां एलपीजी कनेक्शन सौंपा।

इसके पश्चात उज्ज्वला 2.0 के तहत प्रवासी परिवारों को विशेष सुविधा के साथ पीएमयूवाई योजना के अंतर्गत 1.6 करोड़ एलपीजी कनेक्शन का अतिरिक्त आवंटन हुआ। उज्ज्वला 2.0 के अंतर्गत कनेक्शनों की लक्षित संख्या दिसंबर 2022 के दौरान प्राप्त कर ली गई, जिससे इस योजना के तहत कुल कनेक्शनों की संख्या 9.6 करोड़ रिकॉर्ड की गई थी।

Point of View

बल्कि यह ग्रामीण परिवारों के स्वास्थ्य और पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डालने का भी कार्य कर रही है। इस योजना के माध्यम से सरकार ने एलपीजी के माध्यम से स्वच्छ ईंधन उपलब्ध कराने का महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
NationPress
06/10/2025

Frequently Asked Questions

उज्ज्वला योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उज्ज्वला योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण और वंचित परिवारों को एलपीजी जैसे स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन की उपलब्धता कराना है।
उज्ज्वला योजना कब शुरू हुई थी?
उज्ज्वला योजना को 1 मई 2016 को शुरू किया गया था।
उज्ज्वला योजना के तहत कितने कनेक्शन प्रदान किए गए हैं?
इस योजना के तहत कुल 9.6 करोड़ कनेक्शन प्रदान किए गए हैं।
क्या उज्ज्वला योजना डिपॉजिट फ्री है?
जी हां, उज्ज्वला योजना डिपॉजिट फ्री है, जिसमें स्टोव, सिलेंडर और पहला रिफिल शामिल है।
उज्ज्वला 2.0 का क्या महत्व है?
उज्ज्वला 2.0 के तहत प्रवासी परिवारों को विशेष सुविधाएं प्रदान की गई हैं, जिससे 1.6 करोड़ नए कनेक्शन दिए गए हैं।