क्या यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में सीबीआई जांच का निर्णय उचित है? : त्रिवेंद्र सिंह रावत

सारांश
Key Takeaways
- यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की गई है।
- मुख्यमंत्री धामी ने प्रदर्शनकारी युवाओं से संवाद किया।
- पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने इस निर्णय का समर्थन किया।
- युवाओं का शांतिपूर्ण आंदोलन प्रशंसनीय है।
- उत्तराखंड में निष्पक्षता की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
देहरादून, 29 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) पेपर लीक मामले में प्रदेश की धामी सरकार ने एक सख्त रुख अपनाते हुए इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने की सिफारिश की है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को देहरादून में प्रदर्शन कर रहे युवाओं से बातचीत की और उनकी मांगों को ध्यान में रखते हुए यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया। इस कदम को निष्पक्ष जांच और दोषियों को सजा दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
इस मुद्दे पर भाजपा सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी धामी सरकार के इस निर्णय का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने व्यक्तिगत रूप से प्रदर्शनकारी युवाओं से मुलाकात की और उनकी मांगों को सुना। यह एक सराहनीय कदम है। युवा देश का भविष्य हैं, और उनकी भावनाओं का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है। सीबीआई जांच से इस मामले में सच्चाई सामने आएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।”
रावत ने प्रदर्शनकारी युवाओं के संयमित और शांतिपूर्ण आंदोलन की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “युवाओं ने जिस सहनशीलता और अनुशासन के साथ अपना आंदोलन चलाया, वह काबिले-तारीफ है। प्रदेश में कहीं भी तोड़फोड़ या हिंसा की घटना नहीं हुई, जो युवाओं की परिपक्वता को दर्शाता है।”
यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले ने उत्तराखंड के युवाओं में भारी आक्रोश पैदा किया है। इस मामले में हजारों अभ्यर्थियों का भविष्य दांव पर है, जिसके चलते युवा सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
सीएम धामी ने प्रदर्शनकारी युवाओं से मुलाकात के दौरान उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए आश्वासन दिया कि सरकार उनके साथ है और इस मामले में पारदर्शी जांच सुनिश्चित की जाएगी। इससे पहले, सरकार ने विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया था, लेकिन युवाओं की मांग पर अब सीबीआई जांच की सिफारिश की गई है।