क्या यूपी के पर्यटन स्थल लंदन वर्ल्ड ट्रैवल मार्केट में चमकेंगे?
सारांश
Key Takeaways
- लंदन वर्ल्ड ट्रैवल मार्केट 2025 में यूपी का भागीदारी
- राज्य की सांस्कृतिक धरोहर का अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन
- बौद्ध सर्किट और ताजमहल जैसे प्रमुख स्थल
- बी2बी मीटिंग्स और साझेदारी के अवसर
- यूपी को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करना
लखनऊ, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश अपनी सांस्कृतिक धरोहर और विविध पर्यटन स्थलों की भव्य प्रस्तुति के साथ ब्रिटेन की राजधानी लंदन में आयोजित होने वाले प्रतिष्ठित वर्ल्ड ट्रैवल मार्केट (डब्ल्यूटीएम) 2025 में भाग लेगा।
4 से 6 नवंबर तक एक्सेल लंदन में होने वाले इस तीन दिवसीय वैश्विक आयोजन में दुनिया भर के पर्यटन विशेषज्ञ, निवेशक और नीति निर्माता शामिल होंगे। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग यहाँ अपने स्टॉल के माध्यम से राज्य की आध्यात्मिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक संपदा को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रदर्शित करेगा।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि लंदन के डब्ल्यूटीएम में उत्तर प्रदेश पर्यटन का स्टॉल विशेष आकर्षण का केंद्र होगा। इसमें भारत की ‘इत्र नगरी’ कन्नौज की सुगंधित विरासत, स्पिरिचुअल ट्रायंगल (प्रयागराज-अयोध्या-काशी), यूनेस्को विश्व धरोहर ताजमहल, बौद्ध सर्किट और अयोध्या में श्रीराम मंदिर जैसे प्रमुख स्थलों की झलक प्रस्तुत की जाएगी। इसके अलावा राज्य की पारंपरिक शिल्पकला, हस्तशिल्प और सांस्कृतिक विविधता भी अंतरराष्ट्रीय दर्शकों के समक्ष लायी जाएगी।
मंत्री ने कहा कि यह आयोजन बी2बी मीटिंग्स, साझेदारी के अवसरों, पर्यटन नवाचार और युवा पेशेवरों के जुड़ाव पर केंद्रित होगा। इससे उत्तर प्रदेश को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर एक प्रमुख गंतव्य के रूप में स्थापित करने में मदद मिलेगी। प्रदेश में भगवान बुद्ध से जुड़े छह प्रमुख स्थल, सारनाथ, कुशीनगर, संकिसा, कपिलवस्तु, कौशांबी और श्रावस्ती, राज्य को ‘बुद्ध भूमि’ का गौरव प्रदान करते हैं। ये स्थल मिलकर ‘बौद्ध सर्किट’ बनाते हैं, जो दुनिया भर के श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए ‘बोधि यात्रा’ का केंद्र हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग लगातार अंतरराष्ट्रीय मंचों और व्यापार मेलों के माध्यम से राज्य की सांस्कृतिक समृद्धि और पर्यटन विविधता को दुनिया के सामने लाने का कार्य कर रहा है। वर्ल्ड ट्रैवल मार्केट जैसे आयोजन न केवल पर्यटन क्षेत्र को नई दिशा देते हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग से विश्व पर्यटन के एक नए युग की नींव भी मजबूत करते हैं।