क्या यूपी में धर्मांतरण केस में छांगुर के भतीजे के ठिकानों पर बुलडोजर चला?

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क्या यूपी में धर्मांतरण केस में छांगुर के भतीजे के ठिकानों पर बुलडोजर चला?

सारांश

बलरामपुर में अवैध धर्मांतरण के आरोपी छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन के भतीजे सबरोज के ठिकानों पर प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर अवैध निर्माण को ध्वस्त किया। यह कार्रवाई प्रशासन की सख्त नीति का हिस्सा है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी।

Key Takeaways

  • अवैध धर्मांतरण के खिलाफ प्रशासन की सख्त कार्रवाई।
  • छांगुर के भतीजे के ठिकानों पर बुलडोजर चलाया गया।
  • कानून की नजरें धर्मांतरण गिरोह पर।
  • अवैध निर्माणों के खिलाफ सख्त नीति अपनाई जा रही है।
  • छांगुर का गिरोह देश-विरोधी गतिविधियों में शामिल।

बलरामपुर, 26 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। अवैध धर्मांतरण के आरोपी छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन पर प्रशासन की नजरें गड़ी हुई हैं। इसी सिलसिले में शनिवार को छांगुर के भतीजे सबरोज के ठिकानों पर प्रशासन का बुलडोजर चला और सरकारी जमीन पर बने अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया। इस कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात थे।

गैडास बुजुर्ग थाना क्षेत्र के रेहरा माफी गांव में सबरोज का घर सरकारी (ग्राम समाज) जमीन पर अवैध रूप से बना हुआ था। जिला प्रशासन ने पहले नोटिस जारी किया था, लेकिन अतिक्रमण को हटाया नहीं गया। आज प्रशासन की टीम ने वहां पहुंचकर बुलडोजर से कार्रवाई की। सीओ राघवेंद्र प्रताप ने बताया कि पुलिस की निगरानी में अवैध निर्माण पर बुलडोजर कार्रवाई की गई है।

ज्ञात हो कि छांगुर का गिरोह देश-विरोधी गतिविधियों में शामिल था और देश भर में अवैध काम कर रहा था। इस गिरोह में कई लोग शामिल थे। छांगुर के कई राज सामने आ चुके हैं, लेकिन उसके संदिग्ध या प्रतिबंधित संगठनों से संबंध की जांच अभी भी चल रही है। बताया जा रहा है कि उसने दुबई, सऊदी, और तुर्की जैसे देशों में अपने संपर्क बनाए थे। छांगुर मुख्य रूप से धर्मांतरण के काम में लगा हुआ था। हाल ही में राज्य पुलिस ने बड़े धर्मांतरण गिरोहों का पर्दाफाश किया है। आगरा में दो लापता बहनों के मामले की जांच के दौरान पुलिस ने एक ऐसे नेटवर्क का खुलासा किया, जो छह राज्यों तक फैला था। बलरामपुर में जलालुद्दीन छांगुर के बहुराष्ट्रीय धर्मांतरण गिरोह की कहानी ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है।

बलरामपुर में उत्तर प्रदेश आतंकवाद रोधी दस्ता (एटीएस) ने अवैध धर्मांतरण और गैर-कानूनी फंडिंग के मामले में जलालुद्दीन (उर्फ छांगुर) और उसकी सहयोगी नीतू (उर्फ नसरीन) को हिरासत में लिया है। एटीएस इस गिरोह के फंडिंग स्रोतों और अवैध तरीके से खरीदी गई संपत्तियों की जांच करेगी।

एटीएस ने 5 जुलाई को जलालुद्दीन और नसरीन को बलरामपुर में माधपुर गांव से गिरफ्तार किया था। जलालुद्दीन उर्फ छांगुर और नीतू उर्फ नसरीन पर वित्तीय प्रोत्साहन, शादी के प्रस्ताव और दबाव बनाकर कमजोर तबके के लोगों को इस्लाम कबूल कराने का आरोप है। जलालुद्दीन पर 50 हजार रुपए का इनाम घोषित था और उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया था। इसके अलावा, नवीन उर्फ जलालुद्दीन और महबूब (जलालुद्दीन के बेटे) को अप्रैल में गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में ये लखनऊ की जेल में बंद हैं।

जलालुद्दीन उर्फ छांगुर और उसके सहयोगियों के अवैध अतिक्रमण पर बुलडोजर कार्रवाई की जा रही है। लगभग एक एकड़ क्षेत्र में फैले छांगुर और उसके सहयोगी नीतू की संपत्तियों पर प्रशासन ने नोटिस चस्पा किया था, जिसमें अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए कहा गया था।

छांगुर की कोठी करीब एक एकड़ भूभाग में बनी थी, जिसमें 2 बिस्वा जमीन सरकारी थी जिस पर अवैध निर्माण किया गया था। इसी मामले में एक आरोपी रऊफ के खिलाफ पॉक्सो, एससी/एसटी एक्ट और धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत कठोर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। यही नहीं, स्थानीय प्रशासन ने रऊफ के घर को अवैध निर्माण मानते हुए बुलडोजर कार्रवाई भी सुनिश्चित की है। यह सीएम योगी की उस नीति का हिस्सा है, जिसके तहत संगठित अपराधों में शामिल लोगों की अवैध कमाई से अर्जित संपत्तियों को ध्वस्त कर उन्हें आर्थिक और मनोवैज्ञानिक रूप से तोड़ा जा रहा है।

Point of View

NationPress
19/09/2025

Frequently Asked Questions

धर्मांतरण के आरोपी छांगुर के खिलाफ कार्रवाई क्यों की जा रही है?
छांगुर बाबा पर अवैध धर्मांतरण और देश-विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है, जिसके चलते प्रशासन ने कार्रवाई की है।
इस कार्रवाई में प्रशासन ने क्या किया?
प्रशासन ने छांगुर के भतीजे सबरोज के ठिकानों पर बुलडोजर चलाकर अवैध निर्माण को ध्वस्त किया है।
क्या छांगुर के खिलाफ कोई अन्य मामले हैं?
जी हां, छांगुर पर कई गंभीर आरोप हैं, जिनमें अवैध फंडिंग और धर्मांतरण शामिल हैं।
क्या इस कार्रवाई का असर समाज पर पड़ेगा?
यह कार्रवाई समाज में अवैध गतिविधियों के खिलाफ एक सख्त संदेश भेजती है और कानून के प्रति सम्मान बढ़ाती है।
क्या छांगुर के खिलाफ कोई पुरस्कृत सूचना है?
जी हां, जलालुद्दीन उर्फ छांगुर पर 50 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था।