क्या बाढ़ हो या भूकंप... सेवा परमो धर्म के आदर्श से प्रेरित है संघ? उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने की प्रशंसा

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क्या बाढ़ हो या भूकंप... सेवा परमो धर्म के आदर्श से प्रेरित है संघ? उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने की प्रशंसा

सारांश

उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने आरएसएस की 100वीं वर्षगांठ पर निस्वार्थ सेवा और समाज के प्रति संघ के योगदान की सराहना की। उन्होंने संघ को विश्व का सबसे बड़ा राष्ट्रभक्त संगठन करार दिया और इसके आदर्शों की महत्ता को बताया। जानिए इस महत्वपूर्ण मौके पर उन्होंने क्या कहा।

Key Takeaways

  • आरएसएस की 100वीं वर्षगांठ पर उपराष्ट्रपति का संबोधन महत्वपूर्ण है।
  • निस्वार्थ सेवा की भावना को उजागर किया गया।
  • संघ ने सशक्त समाज के निर्माण में योगदान दिया है।

नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने गुरुवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की 100वीं वर्षगांठ पर बधाई दी। उन्होंने संघ के राष्ट्र निर्माण, समाज सेवा और एकता में योगदान की सराहना की। उपराष्ट्रपति ने संघ को विश्व का सबसे बड़ा राष्ट्रभक्त संगठन बताया और स्वयंसेवकों की निस्वार्थ सेवा भावना को देश के लिए अमूल्य कहा।

सीपी राधाकृष्णन ने कहा, "राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शताब्दी के इस महत्वपूर्ण अवसर पर मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। विश्व का सबसे बड़ा राष्ट्रभक्त संगठन 100 वर्ष का हो चुका है। संघ का सबसे बड़ा योगदान ऐसे आत्मानुशासित और उत्तरदायी नागरिक हैं, जो सशक्त समाज की आधारशिला हैं।"

उन्होंने संघ की प्रशंसा करते हुए कहा, "1925 में डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा स्थापित होने के बाद से संघ ने युवाओं को मजबूत आंतरिक चरित्र निर्माण और निस्वार्थ भाव से समाज सेवा करने के लिए प्रेरित किया है। 'सेवा परमो धर्मः' के आदर्श से प्रेरित स्वयंसेवक चाहे बाढ़, अकाल, भूकंप या अन्य किसी भी आपदा का सामना करें, वे बिना किसी अपेक्षा के संगठित होकर पीड़ितों की सेवा करते हैं। यह निस्वार्थ सेवा राष्ट्र के लिए एक अद्वितीय और अमूल्य उपहार है।"

उपराष्ट्रपति ने कहा, "राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सेवा करते हुए कभी धर्म, जाति या भाषा के आधार पर भेदभाव नहीं करता। संघ हमेशा समाज के साथ चलता है। यही वजह है कि संघ और उसके सभी संगठन सफल और निरंतर विकासशील हैं। वह दिन दूर नहीं जब भारत विश्व की सर्वोच्च शक्ति के रूप में स्थापित होगा। इस महान यात्रा में संघ की भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण रही है और समय के साथ उसकी यह प्रेरक भूमिका निरंतर बनी रहेगी।"

उपराष्ट्रपति ने कहा कि मैं इस शताब्दी वर्ष में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को समाज की सेवा में निरंतर योगदान और राष्ट्रीय एकता, सद्भाव और प्रगति के महान उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए अपनी हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।

Point of View

NationPress
02/10/2025

Frequently Asked Questions

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ क्या है?
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) एक सामाजिक और सांस्कृतिक संगठन है, जिसका उद्देश्य भारतीय संस्कृति और परंपराओं को सहेजना और समाज सेवा करना है।
आरएसएस की स्थापना कब हुई थी?
आरएसएस की स्थापना 1925 में डॉक्टर केेशव बलिराम हेडगेवार द्वारा की गई थी।
आरएसएस का मुख्य आदर्श क्या है?
आरएसएस का मुख्य आदर्श 'सेवा परमो धर्मः' है, जिसका अर्थ है कि सेवा सबसे बड़ा धर्म है।