क्या उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने महान स्वतंत्रता सेनानी मुथुरामलिंगा थेवर को श्रद्धांजलि दी?

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क्या उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने महान स्वतंत्रता सेनानी मुथुरामलिंगा थेवर को श्रद्धांजलि दी?

सारांश

उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने महान स्वतंत्रता सेनानी मुथुरामलिंगा थेवर को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने थेवर के जीवन और उनके योगदान पर प्रकाश डाला। उपराष्ट्रपति का यह पहला तमिलनाडु दौरा था, जिसमें उन्होंने थेवर के आदर्शों को आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक बताया।

Key Takeaways

  • मुथुरामलिंगा थेवर का जीवन नैतिकता और त्याग का प्रतीक है।
  • उपराष्ट्रपति का दौरा तमिलनाडु की संस्कृति को मान्यता देता है।
  • थेवर की विचारधारा आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।

चेन्नई, 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने गुरुवार को तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले के पासुम्पोन गांव में महान स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक अइया पसुम्पोन थिरु मुथुरामलिंगा थेवर की जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने बताया कि पासुम्पोन थिरू मुथुरामलिंगा थेवर एक अद्वितीय व्यक्तित्व के धनी थे, जिन्होंने अपने जीवन में राष्ट्रवाद और अध्यात्म को एक साथ जोड़ा। वे एक सच्चे देशभक्त, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, निर्भीक योद्धा और गहन विचारक थे। उन्होंने राजनीति में नैतिकता और सत्यनिष्ठा को अपनाने के साथ-साथ त्याग, सादगी और धार्मिक सद्भाव का उदाहरण प्रस्तुत किया।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि थेवर एक संतपुरुष थे, जिन्होंने हमेशा सामाजिक एकता और धार्मिक सौहार्द का प्रतीक बने रहे।

उन्होंने कहा, "अइया थेवर का जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित था। उनका जीवन धर्म, सदाचार और त्याग का उदाहरण है।"

उपराष्ट्रपति ने बताया कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने थेवर पर पूरा विश्वास किया और आजाद हिंद फौज के लिए उनका समर्थन भी प्राप्त किया। थेवर ने अपने विचारों और कर्मों के माध्यम से साहस, देशभक्ति और बलिदान की भावना को जीवंत किया।

थेवर का एक प्रसिद्ध विचार 'बुद्धि बिना वीरता कायरता है और वीरता बिना बुद्धि क्रूरता' आज भी लोगों के दिलों में गूंजता है। उन्होंने ब्रिटिश शासन के दौरान भारतीय समाज पर हुए अत्याचारों के खिलाफ संघर्ष किया और कई बार जेल भी गए, लेकिन अपने आदर्शों से कभी पीछे नहीं हटे।

सीपी. राधाकृष्णन ने बताया कि वे पिछले 25 वर्षों से पासुम्पोन में थेवर जयंती समारोह में शामिल होते रहे हैं और इस बार उपराष्ट्रपति बनने के बाद उनका पहला तमिलनाडु दौरा था। उन्होंने गर्व के साथ कहा कि वे इस वर्ष भी इस महान आत्मा को नमन करने उपस्थित हो सके।

उन्होंने कहा कि अइया पासुम्पोन मुथुरामलिंगा थेवर को सम्मानित करना सत्य, सदाचार और आध्यात्मिक जीवन को सम्मानित करना है। उनके विचार और आदर्श आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरित करते रहेंगे।

Point of View

बल्कि यह हमारे इतिहास और संस्कृति के प्रति गहरी समझ और सम्मान को दर्शाता है। मुथुरामलिंगा थेवर जैसे महान व्यक्तित्वों की उपलब्धियों को याद करना हमारे लिए आवश्यक है, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ उनके आदर्शों को अपने जीवन में उतार सकें।
NationPress
30/10/2025

Frequently Asked Questions

मुथुरामलिंगा थेवर कौन थे?
वे एक महान स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक थे जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उपराष्ट्रपति का यह दौरा क्यों विशेष है?
यह उपराष्ट्रपति का पहला तमिलनाडु दौरा है और उन्होंने इस अवसर पर थेवर को श्रद्धांजलि दी।
थेवर का मुख्य योगदान क्या था?
उन्होंने भारतीय समाज में नैतिकता, त्याग और सामाजिक एकता को बढ़ावा देने का कार्य किया।