क्या उत्तर प्रदेश में हर 15,000 नए छात्रों को 12,000 रुपए की छात्रवृत्ति मिलेगी?

सारांश
Key Takeaways
- प्रत्येक 15,000 नए छात्रों को 12,000 रुपए की छात्रवृत्ति मिलेगी।
- छात्रवृत्ति का उद्देश्य स्कूल ड्रॉप आउट दर को कम करना है।
- यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के छात्रों के लिए है।
- सत्यापन की प्रक्रिया सरल और आसान है।
- छात्रों को आवेदन करने के लिए आधार कार्ड की आवश्यकता है।
नई दिल्ली, 3 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने नेशनल मीन्स कम मेरिट स्कॉलरशिप (राष्ट्रीय साधन-सह-योग्यता छात्रवृत्ति) पर एक जागरूकता सत्र आयोजित किया है। यह छात्रवृत्ति से जुड़ी जानकारी उत्तर प्रदेश के लिए है, जिसमें बागपत, बुलंदशहर, गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और शामली जिले शामिल हैं।
केंद्र द्वारा कक्षा 9 में छात्रों को दी जाने वाली इस छात्रवृत्ति की राशि 12,000 रुपए प्रति वर्ष है। यह राशि सीधे छात्र या उनके माता-पिता के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है, बशर्ते कि बैंक खाता आधार से लिंक और सीडेड हो। इस छात्रवृत्ति का मुख्य उद्देश्य स्कूल ड्रॉप आउट दर को कम करना है, जिससे आर्थिक तंगी के कारण छात्र विद्यालय छोड़ने से बच सकें।
दरअसल, राष्ट्रीय साधन-सह-योग्यता छात्रवृत्ति एक मेरिट आधारित योजना है, जिसका लक्ष्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को कक्षा 9 से 12 तक की माध्यमिक शिक्षा में सहायता प्रदान करना है। इस योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश को प्रति वर्ष 15,000 नई छात्रवृत्तियों का सबसे अधिक कोटा मिला है। अधिकारियों ने नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर समय पर आवेदन सत्यापन सुनिश्चित करने का आग्रह किया है, ताकि पात्र छात्रों को समय पर छात्रवृत्ति मिल सके। यह योजना वर्ष 2018-19 से लागू है।
कक्षा 8 के बाद चयनित छात्र अपने या अपने किसी अभिभावक के आधार कार्ड का उपयोग कर कक्षा 9 में पंजीकरण करवा सकते हैं। छात्रों को पहले वन-टाइम रजिस्ट्रेशन करना होता है और फिर छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करना होता है। वर्ष 2024-25 से यह प्रक्रिया लागू की गई है, ताकि एक छात्र को एक से अधिक छात्रवृत्तियां न मिल सकें। पंजीकरण की प्रक्रिया, सामान्य त्रुटियां और छात्रवृत्ति आवेदन की प्रक्रिया का डेमो भी दिया गया है।
शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस छात्रवृत्ति में केवल दो स्तर का सत्यापन होता है - एक स्कूल स्तर पर और दूसरा जिला स्तर पर। कक्षा 9 के छात्र नए आवेदन करते हैं, जबकि कक्षा 10, 11 और 12 के छात्र नवीनीकरण के लिए आवेदन करते हैं। राज्य या केंद्र शासित प्रदेश हर वर्ष चयन परीक्षा का आयोजन करते हैं, जिसमें सफल छात्र योजना के लिए पात्र होते हैं। नवीनीकरण के लिए छात्रों को कम से कम 60 प्रतिशत अंक प्राप्त कर अगली कक्षा में पदोन्नत होना आवश्यक है। यह योजना केवल सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के छात्रों के लिए खुली है।
इस कार्यशाला में मेरठ मंडल से कुल 210 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जो मंडल स्तर पर महत्वपूर्ण सहभागिता को दर्शाता है। इसके अतिरिक्त, प्रतिभागियों को स्कूल स्वेच्छिक पहल ‘विद्यांजलि’, माईगोव पोर्टल पर संचालित ‘स्कूल चैलेंज’ (तंबाकू सेवन के दुष्परिणामों के प्रति जागरूकता के लिए), तथा एनसीईआरटी द्वारा विकसित हो रही ‘यूनिवर्सल डिजाइन ऑफ लर्निंग’ पाठ्यपुस्तकों पर भी जानकारी दी गई।