क्या उत्तर प्रदेश के एटीएस कमांडो ने नेपाल की 7,126 मीटर ऊंची चोटी पर तिरंगा फहराकर इतिहास रचा?

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क्या उत्तर प्रदेश के एटीएस कमांडो ने नेपाल की 7,126 मीटर ऊंची चोटी पर तिरंगा फहराकर इतिहास रचा?

सारांश

उन्नाव के एटीएस कमांडो आशीष दीक्षित ने नेपाल के हिमलुंग हिमाल पर तिरंगा फहराकर एक नया इतिहास रचा है। उनकी साहसिकता और दृढ़ता ने न केवल उनके गांव का, बल्कि पूरे देश का मान बढ़ाया है। जानिए उनकी कठिनाईयों और साहस की कहानी।

Key Takeaways

  • साहस और दृढ़ता से हर लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।
  • आशीष दीक्षित ने हिमलुंग हिमाल पर भारतीय तिरंगा फहराकर गर्व का अनुभव कराया।
  • उनकी कहानी प्रेरणा देती है कि कठिनाइयों का सामना करके भी लक्ष्य पाया जा सकता है।
  • भारत के जवानों की प्रतिबद्धता हर मुश्किल का सामना कर सकती है।
  • आशीष ने अन्य चोटियों पर भी तिरंगा लहराकर देश का मान बढ़ाया है।

उन्नाव, 7 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के एक बहादुर ने नेपाल की बर्फ से ढकी चोटियों पर तिरंगा लहराकर सम्पूर्ण भारत का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। हम बात कर रहे हैं उन्नाव जिले के बिझलामऊ गांव के निवासी और उत्तर प्रदेश पुलिस के एटीएस कमांडो आशीष दीक्षित की, जिन्होंने नेपाल के मनांग जिले में स्थित 7,126 मीटर ऊंचे हिमलुंग हिमाल पर्वत पर भारतीय ध्वज फहराया है।

3 नवंबर 2025 की रात, जब तापमान माइनस 25 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था, चारों ओर बर्फीला तूफान था और हर क्षण हिमस्खलन का खतरा था, तब कमांडो आशीष ने अपने अदम्य साहस और हिम्मत के साथ वह किया जो बहुत कम लोग कर पाते हैं।

15 अक्टूबर से आरंभ हुए इस चुनौतीपूर्ण पर्वतारोहण अभियान में हर कदम पर कठिनाइयाँ थीं। तेज हवाएं, ऑक्सीजन की कमी, और खड़ी बर्फीली ढलानें आशीष के सामने थीं, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनके हौसले आसमान से भी ऊंचे थे। अंततः उन्होंने 7,126 मीटर की ऊंचाई पर पहुंचकर भारत का तिरंगा लहराया और उन्नाव का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया।

हिमलुंग हिमाल कोई साधारण पर्वत नहीं है। यह नेपाल-तिब्बत की सीमा पर स्थित पेरी हिमाल रेंज का हिस्सा है और इसे दुनियाभर में सबसे कठिन चोटियों में से एक माना जाता है। हर साल, केवल कुछ चुनिंदा पर्वतारोही ही इसे फतह कर पाते हैं, लेकिन कमांडो आशीष दीक्षित के लिए यह पहली बार नहीं था कि उन्होंने ऐसी ऊंचाइयों को छुआ।

इससे पहले, उन्होंने कई अन्य बड़ी चोटियों को भी फतह किया है, जैसे कि माउंट किलिमंजारो (अफ्रीका), माउंट एल्ब्रुस (रूस), कांग यात्से, स्टोक कांगरी, माउंट यूनाम, गरुड़ चोटी, बी.सी. रॉय पीक, केदारकंठा और नाग टिब्बा, जहां उन्होंने तिरंगे का मान बढ़ाया है।

वर्ष 2020 में, उनके साहस और उत्कृष्ट सेवा के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक ने उन्हें ‘रजत पदक’ से सम्मानित किया था। वर्तमान में, आशीष दीक्षित लखनऊ स्थित एसपीओटी (विशेष पुलिस संचालन दल) में फिजिकल ट्रेनर के रूप में कार्यरत हैं, जहां वे पुलिस जवानों को फिटनेस, अनुशासन और देशभक्ति का पाठ पढ़ा रहे हैं।

Point of View

बल्कि यह दिखाती है कि भारतीय जवानों का साहस और प्रतिबद्धता किसी भी चुनौती का सामना कर सकती है। ऐसे अदम्य साहसी व्यक्तियों के माध्यम से हम अपनी मातृभूमि के प्रति गर्व महसूस करते हैं। यह प्रेरणादायक कहानी हमें यह सिखाती है कि दृढ़ संकल्प और मेहनत से हर लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।
NationPress
07/11/2025

Frequently Asked Questions

आशीष दीक्षित ने किस पर्वत पर तिरंगा फहराया?
आशीष दीक्षित ने नेपाल के हिमलुंग हिमाल पर्वत पर तिरंगा फहराया।
इस अभियान में उन्हें किस प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ा?
उन्हें तेज हवाओं, ऑक्सीजन की कमी और खड़ी बर्फीली ढलानों का सामना करना पड़ा।
आशीष दीक्षित को किस पुरस्कार से सम्मानित किया गया?
उन्हें वर्ष 2020 में 'रजत पदक' से सम्मानित किया गया।
आशीष दीक्षित वर्तमान में कहाँ कार्यरत हैं?
वह लखनऊ स्थित एसपीओटी में फिजिकल ट्रेनर के रूप में कार्यरत हैं।
हिमलुंग हिमाल की ऊंचाई कितनी है?
हिमलुंग हिमाल की ऊंचाई 7,126 मीटर है।