क्या राष्ट्रीय खेलों के बाद उत्तराखंड की नई उड़ान शुरू होने जा रही है?

सारांश
Key Takeaways
- खेलों के प्रति नई दृष्टि
- उच्च स्तरीय प्रशिक्षण सुविधाएं
- खेल अकादमियों की स्थापना
- नई खेल नीति के सकारात्मक परिणाम
- खेल विश्वविद्यालय की स्थापना
देहरादून, 12 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेलों की अभूतपूर्व सफलता के बाद, राज्य सरकार खेलों के प्रति एक नई दृष्टि और योजना के साथ आगे बढ़ने का इरादा रखती है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खिलाड़ियों को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण और सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय खेलों के दौरान बनाए गए और उन्नत किए गए खेल ढांचे का प्रभावी उपयोग करने के लिए मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि वे शीघ्र कार्ययोजना तैयार करें और उसके अनुसार तेजी से कार्य करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेल केवल एक आयोजन नहीं थे, बल्कि यह उत्तराखंड की खेल यात्रा में एक ऐतिहासिक मोड़ साबित हुए हैं। राज्य ने पहली बार 100 से अधिक पदक जीतकर पदक तालिका में 7वां स्थान हासिल किया और अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया।
उन्होंने कहा कि “सरकार की खेलों के प्रति प्रतिबद्धता और खिलाड़ियों की मेहनत ने इस असाधारण उपलब्धि को संभव बनाया है।”
राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए तैयार की गई अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं अब राज्य के खिलाड़ियों के लिए प्रशिक्षण केंद्र के रूप में कार्य करेंगी। देहरादून के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज और हल्द्वानी के इंदिरा गांधी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स को आधुनिक सुविधाओं से युक्त किया गया है। इसके साथ ही राज्य के आठ शहरों में 23 खेल अकादमियों की स्थापना की योजना भी लिगेसी प्लान का हिस्सा है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि खेल ढांचे को निष्क्रिय नहीं रहने दिया जाएगा, बल्कि इसका अधिकतम उपयोग किया जाएगा ताकि राज्य के युवा प्रतिभाओं को अपने घर के पास ही उच्च स्तरीय प्रशिक्षण मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2021 में लागू की गई नई खेल नीति के सकारात्मक परिणाम अब दिखाई देने लगे हैं। इसमें खिलाड़ियों को उनकी उपलब्धियों के अनुसार आकर्षक प्रोत्साहन राशि, सरकारी नौकरी, छात्रवृत्तियां और सम्मान देने का प्रावधान किया गया है। ओलंपिक स्तर के पदक विजेताओं को दो करोड़ रुपए तक की राशि देने की घोषणा से खिलाड़ियों में नया उत्साह आया है।
हल्द्वानी में बनने वाला खेल विश्वविद्यालय राज्य की खेल संस्कृति को संस्थागत रूप देगा। यह न केवल प्रशिक्षण और अनुसंधान का केंद्र बनेगा, बल्कि कोचिंग, खेल विज्ञान, फिजियोथेरेपी, प्रबंधन आदि में भी युवाओं को अवसर प्रदान करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड को आज खेल भूमि के रूप में देखा जा रहा है, जो पूरे राज्य के लिए गर्व का विषय है। राष्ट्रीय खेलों की सफलता ने एक नई चेतना को जागृत किया है। सरकार खेल और खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास के लिए पूरी तन्मयता से जुटी हुई है। मैदानों से लेकर पहाड़ों तक हर जगह खेल प्रतिभाओं के लिए एक नया और उज्ज्वल भविष्य आकार ले रहा है।